hijab
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    मालेगांव : कर्नाटक, महाराष्ट्र (Karnatak, Maharashtra) और कई अन्य राज्यों (States) में हिजाब (Hijab) मुद्दे पर लगे आरोपों ने अब एक अलग मोड़ ले लिया ह। मालेगांव (Malegaon) से एमआईएम विधायक (MIM MLA) मौलाना मुफ्ती इस्माइल के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की गई है। विधायक मौलाना मुफ्ती इस्माइल (Maulana Mufti Ismail) ने हिजाब का समर्थन किया। उन्होंने अपने बयान में उस समय माता सीता (Mother Sita) का उदाहरण दिया था।

    आरोप लगाया गया है कि इससे हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंची है। इस मामले में एड. मंजूषा काजवाड़कर ने मालेगांव के पुलिस अधीक्षक को लिखित शिकायत दी है। उन्होंने विधायक मुफ्ती इस्माइल के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की। आने वाले समय में मालेगांव समेत राज्य में कई जगहों पर महानगरपालिका के चुनाव हो रहे हैं। इससे पहले भी हिजाब मुद्दे पर विवादित बयान देने की होड़ लग रही है।

    आख़िर मामला क्या है?

    कर्नाटक में उडपी के कुंडापुर इलाके के पीयू कॉलेज में हिजाब पहन कर मुस्लिम लड़कियों को प्रवेश देने से इनकार कर दिया गया था। उसके बाद राज्य के एक शैक्षणिक संस्थान पर भगवा झंडा फहराए जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसलिए कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डी. के. शिवकुमार ने सुझाव दिया कि ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए कुछ प्रभावित शिक्षण संस्थानों को एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया जाए। इस मामले का असर मालेगांव में भी देखने को मिला। एनसीपी के महिला मोर्चा ने इसके लिए आंदोलन किया। मालेगांव के एमआईएम विधायक मौलाना मुफ्ती मोहम्मद इस्माईल ने ‘हिजाब दिवस’ मनाया। उसके बाद उन्होंने एक विवादित बयान दिया था।

    विधायक ने क्या कहा?

    एमआईएम विधायक मौलाना मुफ्ती मोहम्मद इस्माईल ने कहा कि राम की पत्नी सीता उस समय उनका अपहरण कर लिया गया था। उन्होंने कई साल दूसरे की कैद में बिताए। लेकिन जिस तरह से उन्होंने अपनी गरिमा और चरित्र की रक्षा की, उसका मुख्य कारण हिजाब और घूंघट था। इसका उदाहरण है कि उनके देवर लक्ष्मण को खड़ी हुई महिलाओं में से सीता को पहचानने के लिए कहा गया। तब लक्षमण ने जवाब दिया कि मैं ने आज तक अपनी भाभी का चेहरा नहीं देखा है। मैं अपनी भाभी को उनके पैरों से पहचान सकता हूं। लक्षमण ने वहां खड़ी महिलाओं के पैरों से सीता को पहचाना। हमारा दावा है कि रामायण और हिंदू धर्म में भी महिलाओं को घूंघट पहनने की आज्ञा दी गई है। आज भी कई हिंदू घरों में महिलाएं सिर का पर्दा डाल कर औरों के सामने आती हैं। मुफ्ती के इस बयान को लेकर उन पर गुन्हा दर्ज करने की मांग की गई।

    हमारा दावा है कि रामायण और हिंदू धर्म में भी महिलाओं को घूंघट पहनने की आज्ञा दी गई है। आज भी कई हिंदू घरों में महिलाएं औरों के सामने सर पर पर्दा डाल कर सामने आती हैं। यह मैं आज भी कह रहा हूं।

    - मौलाना मुफ्ती मोहम्मद, विधायक, एमआईएम