राज्य सरकार ने जांच रिपोर्ट आने तक जिंदल कंपनी का उत्पादन बंद करने का आदेश दिया

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    इगतपुरी : मुंबई-आगरा राजमार्ग (Mumbai-Agra Highway) पर जिंदल पॉलीफिल्म कंपनी (Jindal Polyfilm Company) में आग लगने के कारण सरकार ने श्रमिकों (Workers) और ग्रामीणों (Villagers) के स्वास्थ्य और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कंपनी को अपना उत्पादन बंद (Production Stopped) करने का आदेश दिया है। उत्पादन शुरू करने के लिए जिला औद्योगिक सुरक्षा और स्वास्थ्य निदेशालय और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनुमति ली गई है, लेकिन निदेशालय ने सवाल उठाया कि जब तक औद्योगिक सुरक्षा और स्वास्थ्य निदेशालय, महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, श्रम आयुक्तालय सहित जांच एजेंसियों की रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक उत्पादन की अनुमति कैसे दी जाएगी, इसलिए, कंपनी प्रबंधन के उच्च अधिकारी चिंता में हैं। 

    कंपनी में रिएक्टर विस्फोट के कारण लगी आग के पास बड़ी मात्रा में कच्चा और तैयार माल पड़ा है। आग से पैदा हुए रासायनिक धुएं और तेज बदबू से पर्यावरण को होने वाले नुकसान के बारे में सरकार को प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपी गई है। औद्योगिक सुरक्षा के अनुसार अधिकारियों की ओर से इसकी पुष्टि भी कर दी गई है। औद्योगिक सुरक्षा के साथ मजदूरों और उच्च चिमनियों के परीक्षण में गड़बड़ी विस्फोट का कारण है? जांच अधिकारियों को ऐसा संदेह है, इतना ही नहीं अधिकारियों को कंपनी में प्रवेश की अनुमति न मिलने पर अधिकारी नाराज हैं, इतना ही नहीं बाहर से मजदूरों को ट्रकों में भरकर कंपनी में लाए जाने की सूचना मिलने के बाद जांच एजेंसियों के अधिकारियों में नाराजगी है। इन सभी स्थितियों से अधिकारियों की ओर से मंत्रालय को अवगत करा दिया गया है, इससे मंत्रालय में उच्चाधिकारियों की ओर से कार्रवाई का दबाव बढ़ रहा है। कहा जा रहा है कि सरकार ने महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के जरिए कंपनी को पहला नोटिस जारी किया है। आग पर काबू पाने के लिए फायर ब्रिगेड, एन. डी. आर. एफ., एस. डी. आर. एफ., सुरक्षा विभाग के जवानों को लगाया गया था। 

    मजदूरों की होगी जांच

    परप्रांतीय कामगारों के नाम पर कंपनी में वास्तव में मजदूरों को कहां से लाया जाता है, इसकी जानकारी जांच तंत्र के जरिए ली जाएगी। अधिकारियों से जानकारी मिली कि इस तरह के निर्देश जांच एजेंसियों को दे दिए गए हैं। पिछले तीन दिनों से श्रम उपायुक्त विकास माली की मौजूदगी में हादसे की जानकारी ली जा रही है। कंपनी की ओर से कई ठेकेदारों की जानकारी न देने का मुद्दा भी उठाया गया है। अब तक 9 ठेकेदारों की जानकारी दी जा चुकी है और उनमें से कई के पास लाइसेंस प्राप्त श्रमिकों की संख्या से अधिक श्रमिक होने की जानकारी मिली है। अधिकारियों ने कहा कि इसके अनुसार शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा।