Nashik RTO

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नासिक: वाहन और लाइसेंस कार्य के लिए कार्यालय आने की आवश्यकता नहीं होने का दावा क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय  (Regional Transport Office) ने किया है। सभी सुविधाओं के ‘फेसलेस’ (Faceless) होने की बात कही है, लेकिन इन कामों के लिए अभी भी आरटीओ (RTO) के चक्कर लगाने ही पड़ रहे हैं। इसके अलावा कई काम हैं, जहां ऑनलाइन (Online) के लिए साइबर और एजेंट की मध्यस्थता की आवश्यकता होती है। सरकारी मामलों के डिजिटलीकरण के बाद हर कार्यालय में ऑनलाइन सुविधाएं बढ़ गई हैं। राजस्व में सातबारा से निर्माण विभाग में टेंडर, आरटीओ में लाइसेंस, पंजीयन, नवीनीकरण जैसी तमाम सुविधाओं के लिए ‘ऑनलाइन’ विकल्प शुरू किए गए हैं।

सरकारी कार्यालयों में लोगों के चक्कर कम करने, उनकी परेशानियों को खत्म करने और वैकल्पिक रूप से गैरव्यवहार को नियंत्रित करने के लिए डिजिटल संचालन उपयोगी होगा, ऐसा माना जा रहा था। डिजिटलीकरण से इन उद्देश्यों को कुछ हद तक ही प्राप्त किया गया है। भ्रष्टाचार पर नियंत्रण नहीं हो रहा है, जबकि डिजिटल सुविधाओं का 100 प्रतिशत उपयोग किया जा रहा है।

आरटीओ का दावा, इतनी सुविधाओं को किया गया फेसलेस

 क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में डिजिटलीकरण से पहले वाहन मालिकों और संबंधित ग्राहकों से आरटीओ कार्यालय का प्रांगण भरा रहता था। डिजिटलाइजेशन के बाद इस पर कुछ नियंत्रण हुआ है। इसके लिए केंद्र सरकार की ऑनलाइन वेबसाइट ‘वाहन’ से विभिन्न प्रकार की सेवाओं के लिए एक प्लेटफॉर्म तैयार किया गया है। इस व्यवस्था के तहत वाहन मालिकों को कार्यालय आने की आवश्यकता नहीं है। विभाग का दावा है कि इस विभाग से जुड़ी 14 से ज्यादा सुविधाओं को ‘फेसलेस’ कर दिया गया है।

ये सुविधाएं हैं फेसलेस 

इसमें लर्निंग लाइसेंस, लाइसेंस नवीनीकरण, डुप्लीकेट आरसी पुस्तक, वाहन लाइसेंस पंजीकरण, सभी प्रकार की लाइसेंस सुविधाएं, वाहन फिटनेस, टैक्सी-यात्रा से संबंधित लाइसेंस सुविधाएं ‘फेसलेस’ श्रेणी में शामिल हैं। लेकिन वाहनों का हस्तांतरण, वैध लाइसेंस के लिए परीक्षण और कुछ उंगलियों पर गिनती जैसी सुविधाएं अभी भी फेसलेस नहीं हैं। इसके लिए लोगों को ऑफिस आना ही पड़ता है।

मैंने लाइसेंस नवीनीकरण के काम की सारी प्रक्रिया ऑनलाइन की। कई समस्याएं थीं। अब हमने आवेदन जमा करने सहित अन्य कार्य पूरे कर लिए हैं। अब सिस्टम काम नहीं कर रहा है। इसके बारे में लोग कह रहे हैं कि 'आरटीओ' में जाकर पूछो।

-सुरेश वाणी, वाहन मालिक, नासिक