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नासिक: मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की नासिक यात्रा (Nashik visit) के लिए शहर को सजाने का फतवा जारी करने के बाद मनपा अधिकारियों को खर्च (Expenditure) करने की खुली छूट मिल गई थी। मुख्यमंत्री के आदेश पर मौके की तलाश में मनपा व्यवस्था ने आठ-दस दिनों में करोड़ों के वारे-न्यारे कर दिए। लेकिन जब से शासन व्यवस्था में होने वाले खर्च का हिसाब मांगा, मनपा के अधिकारी बगलें झांकने लगे हैं। ठेकेदारों के खर्च का हिसाब-किताब करने में अधिकारियों के हाथ-पैर फूल गए हैं। 
 
पीएम के नासिक दौरे पर बेहिसाब खर्च  (PM Modi Nashik Visit Cost)
मोदी ने पिछले सप्ताह राष्ट्रीय युवा महोत्सव का उद्घाटन करने के लिए नासिक का दौरा किया था। 4 घंटे के दौरे में रोड शो, कालाराम मंदिर का दौरा, उद्घाटन के साथ गोदाकाठ का निरीक्षण शामिल था। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस दौरे को सफल बनाने के लिए शहर को सजाने का आदेश जारी किया था। इसलिए हेलीपैड से मोदी मैदान तक जाने वाली सड़कों को पक्का किया गया। इस दौरे के लिए खेल विभाग को करीब 52 करोड़ रुपये का फंड मंजूर किया गया था। 
 
 
पानी की तरह बहाया गया रुपया !
शहर में विभिन्न कार्य किए गए. रोड शो के दौरान पेड़ों पर गेंदे के फूलों की माला पहनाना, सड़कों की मरम्मत करना, नई सड़कें बनाना, गोदाघाट क्षेत्र में रामायण के दृश्यों को चित्रित करना, नदी घाटों की सफाई करना, डिवाइडरों को पेंट करना, बिजली के खंभों पर तिरंगे एलईडी लाइट लगाना, रामकुंड पर कृत्रिम लॉन लगाना, सजावट करना, सड़कों की धुलाई करना पानी से यातायात द्वीपों की सफाई, पेंटिंग बोर्ड, होर्डिंग्स लगाना आदि कार्य पूरे शहर में किए गए। 

जल्दबाजी में दौरा होने के कारण टेंडर निकालने का समय नहीं मिला। लेकिन, इस अवसर का लाभ उठाते हुए, अधिकारियों ने खुले हाथ खर्च की नीति अपनाकर पसंदीदा ठेकेदारों को अपनी मर्जी से नियुक्त कर लिया। इसलिए भले ही फिजूलखर्ची हुई हो, लेकिन इस खर्च के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय और मुख्यमंत्री कार्यालय भी जिम्मेदार होंगे। अब मनपा के सभी जिम्मेदार अधिकारी बगलें झांकने लग गए हैं। 

हर खर्च का हिसाब चाहिए 
खेल विभाग से मनपा को 52 करोड़ की धनराशि वितरित की गई। इसलिए, अधिकारियों ने उदारतापूर्वक खर्च किया, अब ठेकेदारों को मलाई देने और हिस्सेदारी करने पर अधिकारी पछता रहे हैं। केंद्र और राज्य एजेंसियां मोदी के दौरे के खर्च पर भी नजर रख रही हैं। विपक्ष की ओर से भी आरोप-प्रत्यारोप की आशंका है, इसलिए प्रशासन इन खर्चों का सटीक हिसाब लेगा। अधिकारी इस हिसाब-किताब को सीधे खेल एवं युवा निदेशालय में जमा कराने की होड़ में लग गए हैं। 

प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान 1300 लोगों का इलाज
नवी मुंबई में ट्रांस हार्बर लिंक उद्घाटन कार्यक्रम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दौरा हाल ही में संपन्न हुआ। इस समय आपातकालीन प्रबंधन के लिए स्थापित स्वास्थ्य सुविधा केंद्र में मतली, एसिडिटी और सिरदर्द से पीड़ित 1300 लोगों को गोलियां और दवाएं देकर इलाज किया गया। जिला सर्जन डॉ.अंबादास देवमाने ने यह जानकारी दी है। सागरी सेतु का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 जनवरी को किया था। इस कार्यक्रम में लगभग डेढ़ लाख नागरिक शामिल हुए। ऐसे बड़े आयोजनों में कुछ लोगों के बीमार होने की आशंका रहती है। कुछ लोग पास में पर्याप्त पानी नहीं रखते हैं, साथ ही हवा में बदलाव, लंबे समय तक सूरज के संपर्क में रहने से सिरदर्द, मतली, निर्जलीकरण जैसी सामान्य बीमारियां हो सकती हैं। जिला प्रशासन और राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने एहतियात के तौर पर एक अस्थायी चिकित्सा स्वास्थ्य इकाई स्थापित की थी। 

इसमें इन बीमारियों की शिकायत लेकर आए लोगों का ओआरएस पानी, ग्लूकोज व एसिडिटी की गोलियों के साथ ही हल्का भोजन देकर इलाज किया गया। ऐसी जानकारी डॉ. देवमाने ने दी। जिले के डॉक्टरों का कहना है कि बड़े और खुले आयोजनों में एक से दो प्रतिशत लोग ऐसी समस्याओं से पीड़ित होते हैं। 2 लोगों को एक दिन के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन अगले दिन उन्हें छुट्टी दे दी गई। आपदा प्रबंधन की दृष्टि से आवश्यक तैयारी की गई। उन्होंने बताया कि इसमें 70 एंबुलेंस के साथ-साथ अतिरिक्त बिस्तरों की व्यवस्था की गई थी और सभी चिकित्सा अधिकारी ड्यूटी पर मौजूद थे।