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    नाशिक : राज्य (State) में जहां युवाओं (Youth) में नशे की समस्या गंभीर होती जा रही है वहीं सरकार ने किराना स्टोर (Grocery Stores) और मॉल (Mall) में वाइन (Wine) की विक्री (Sale) की अनुमति (Permission) दे दी है। सामाजिक स्वास्थ्य (Social Health) की दृष्टि से यह समस्या अत्यंत चिंताजनक है। एक तरफ वारकरी संप्रदाय के प्रचारक और कीर्तनकार नशामुक्ति के लिए अभियान चला रहे हैं तो दूसरी तरफ राज्य सरकार बड़ा फैसला ले रही है।

    सरकार को किराना स्टोर और मॉल से शराब बेचने के अपने फैसले को वापस होगा, निर्णय वापस ना लेने पर आंदोलन किया जाएगा, एैसी चेतावनी दी गई है। उप जिला अधिकारी भागवत दोईफोडे से महामंडल के पदाधिकारियों ने मुलाकात की। पिछले कुछ वर्षों में राज्य में अपराध दर में वृद्धि हुई है। अधिकांश अपराध व्यसन से उत्पन्न होते हैं। व्यसन घरेलू हिंसा, दुर्घटनाओं और अशांति को जन्म देता है। शराब को अक्सर एक स्वस्थ पेय समझ लिया जाता है। यह रुकना चाहिए। नई शराब नीति का युवाओं पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। इसका खामियाजा आने वाली पीढ़ी को भी भुगतना पड़ेगा।

    वारकरियों ने मांग की है कि वारकरी और नशामुक्ति आंदोलन को गंभीरता से लिया जाना चाहिए और महाराष्ट्र सरकार द्वारा दुकानों और मॉल में वाइन शराब बेचने के फैसले को वापस लिया जाना चाहिए। इस अवसर पर वारकरी महामंडल के वरिष्ठ मार्गदर्शक त्रंबकराव गायकवाड़, पुंडलिकराव थेटे, जिला सचिव लहू महाराज अहिरे, वारकरी महामंडल नाशिक तहसील के अध्यक्ष भरत महाराज मित्के, ज्ञानेश्वर जयत महाराज, जिला संपर्क अधिकारी त्रंबक भंडारे आदि उपस्थित थे।