Prakash Ambedkar
प्रकाश आंबेडकर

Loading

अकोला. वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) के प्रमुख प्रकाश आंबेडकर (Prakash Ambedkar) ने मंगलवार को शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे (शिवसेना-यूबीटी) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार (राकांपा-एसपी) के उनकी पार्टी के प्रति ‘असमान रवैये’ को लेकर नाराजगी जाहिर की और महाविकास आघाडी (एमवीए) के तीसरे घटक दल कांग्रेस को महाराष्ट्र की सात लोकसभा सीटों पर समर्थन देने की पेशकश की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लिए वीबीए का यह प्रस्ताव न केवल ‘शिष्टाचार’ का एक संकेत है बल्कि भविष्य में संभावित गठबंधन के लिए ‘दोस्ती का हाथ बढ़ाने’ जैसा है।

आंबेडकर ने मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को लिखे एक पत्र में इन बातों का जिक्र किया। उन्होंने इस मुद्दे पर विस्तार से जानकारी देने के लिए महाराष्ट्र के अकोला में संवाददाताओं को भी संबोधित किया। डॉ बी. आर. आंबेडकर के पोते प्रकाश आंबेडकर ने अकोला लोकसभा सीट पर वीबीए के उम्मीदवार के रूप में अपने नाम की घोषणा की है।

आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर आंबेडकर, एमवीए के तीन सहयोगियों कांग्रेस, उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना और शरद पवार नीत राकांपा के साथ हाथ मिलाने पर विचार कर रहे हैं। हालांकि, सहयोगी दलों के साथ सीट बंटवारे को लेकर बातचीत अभी तक बेनतीजा रही है।

आंबेडकर ने खरगे को लिखे अपने पत्र में कहा, “चुनावी कार्यक्रम की घोषणा हो चुकी है और एमवीए बिना वीबीए को आमंत्रित किए लगातार बैठकें कर रहा है। शिवसेना-यूबीटी और एनसीपी-एसपी ने कई एमवीए बैठकों में वीबीए के प्रतिनिधियों की बातें सुनने से इनकार कर दिया और इस तरह के असमान रवैये के कारण हमने इन दोनों पार्टियों पर विश्वास खो दिया है।”

उन्होंने कहा, “वीबीए का मुख्य एजेंडा भी एक ही है, जिसके तहत फासीवादी, विभाजनकारी, अलोकतांत्रिक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)-राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) सरकार को सत्ता से बाहर करना है।”

उन्होंने कहा, “इस विचार के साथ मैंने महाराष्ट्र में सात लोकसभा सीट पर कांग्रेस को वीबीए का पूरा समर्थन देने का फैसला किया है। हम आपसे अनुरोध करते हैं कि एमवीए में सीट बंटवारे के तहत कांग्रेस के हिस्से में आई सात सीट की सूची हमें दें। हमारी पार्टी आपकी पसंद की इन सात सीटों पर आपकी पार्टी के उम्मीदवारों को अपना पूरा जमीनी और रणनीतिक समर्थन देगी।”

आंबेडकर ने कहा कि कांग्रेस के लिए वीबीए का यह प्रस्ताव न केवल ‘शिष्टाचार’ का एक संकेत है बल्कि भविष्य में संभावित गठबंधन के लिए ‘दोस्ती का हाथ बढ़ाने’ जैसा है। (एजेंसी)