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    पुणे: कृषि पंपों (Agricultural Pumps) के बकाया बिजली बिलों (Electricity Bills) से मुक्त होने के उद्देश्य से महावितरण की ओर से शुरू की गई बकाया मुक्ति योजना का पुणे जिले (Pune District) में अब तक करीब 1 लाख 15 हजार किसानों ने लाभ लिया है। इस योजना के तहत किसानों को बिजली बिलों में भारी छूट मिल रही है। ज्यादा से ज्यादा किसान इस योजना में शामिल होकर बिजली बिलों के भार से मुक्त हो, ऐसा आवाहन महावितरण (Mahavitaran) की ओर से किया गया है।

    महावितरण द्वारा जारी की गई योजना के तहत अब बिजली बिलों से वसूल होने वाली रकम में 66 प्रतिशत कृषि आकस्मिक निधि के तौर पर खर्च किया जाएगा। इसमें 33 प्रतिशत निधि ग्राम पंचायत स्तर पर और 33 प्रतिशत जिलास्तर पर विकासकार्यों के लिए खर्च किया जाएगा। यह निधि उन ग्राम पंचायत और जिलों के क्षेत्रों में ही खर्च किया जाएगा। जिसमें नये उपकेंद्र, नए ट्रान्सफॉर्मर्स, नई बिजली लाइनें और संयंत्रों की क्षमता वृद्धि के कार्य किए जाएंगे। इन विकास कार्यों के चलते कृषि पंपों समेत सभी वर्गों के ग्राहकों को गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति हो पाएगी, ऐसी जानकारी महावितरण की ओर से दी गई है।

    ऐसी है यह योजना

    कृषि पंप बिजली कनेक्शन नीति 2020 में किसानों को बिजली बिलों से मुक्त कराने के लिए बकाया बिलों में करीब 66 प्रतिशत तक छूट मिल सकती है। इसके लिए मूल बकाया रकम में से ब्याज और जुर्माने को कम करते हुए बाकी रकम में से 50 प्रतिशत रकम को मार्च 2022 तक भरने पर बाकी 50 प्रतिशत बकाया रकम माफ की जाएगी। अब तक पुणे जिले के 1 लाख 15 हजार 518 किसानों ने इस योजना में शामिल होते हुए 191 करोड़ 24 लाख रुपए बिजली बिलों के एवज में जमा कराए है। महावितरण की ओर से मिलने वाली 50 प्रतिशत छूट और बिलों की देरी से होने वाली अतिरिक्त रकम, ब्याज और जुर्माना ऐसे कुल मिलाकर 313 करोड़ 52 लाख रुपए माफ किए गए है। इसमें 30 हजार 33 किसान बिजली बिलों से पूरी तरह से मुक्त हुए है। उन्होंने विद्यमान बिजली बिल समेत सुधारित बकाये की 50 प्रतिशत रकम मिलाकर कुल 79 करोड़ 17 लाख रुपये जमा कराए है। इस कारण से बकाया रकम में उन्हें 57 करोड़ 86 लाख रुपए की छूट दी गई है, ऐसी जानकारी महावितरण की ओर से दी गई है।