पिंपरी : प्रधानमंत्री (Prime Minister) नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के हाथों पुणे (Pune) में मेट्रो परियोजना (Metro Project) का उद्घाटन करने के बाद रविवार को पिंपरी-चिंचवड़ में भी पिंपरी-फुगेवाड़ी रूट पर मेट्रो का ऑनलाइन उद्घाटन किया गया। इस दौरान पिंपरी में कांग्रेस पार्टी (Congress Party) के कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाकर विरोध प्रदर्शन किया। पिंपरी में मेट्रो स्टेशन पर यह आंदोलन किया गया।
कांगेस के शहराध्यक्ष डॉ. कैलास कदम के नेतृत्व में किये गए इस आंदोलन में पूर्व नगरसेवक मारुती भापकर, माऊली मलशेट्टी, विश्वनाथ जगताप, विजय ओव्हाल, सतिश भोसले, सौरभ शिंदे, किरण खाजेकर, अर्जुन लांडगे, सुधाकर कुंभार, सुभाष भंडारे, रवी यादव, तेजस पाटील, शरद कांबले, सचिन सोनटक्के, अविनाश कांबले, अमर पांडे, संतोष नांगरे आदि शामिल हुए। मेट्रो परियोजना पर काम अधूरा था, लेकिन सिर्फ चुनाव को देखते हुए बीजेपी ने श्रेय लेने के लिए उद्घाटन की जल्दबाजी मचाई है। प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा के मंत्री और पदाधिकारी छत्रपति शिवाजी महाराज और महाराष्ट्र का अपमान करने वाले बयान दे रहे हैं। इसलिए हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा की नगर कांग्रेस की ओर से विरोध कर रहे हैं, ऐसा कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. कैलाश कदम ने बताया।
प्रधानमंत्री ने संसद में महाराष्ट्र का अपमान किया है
मीडिया प्रतिनिधियों से बातचीत करते हुए डॉ. कैलाश कदम ने कहा कि पुणे और पिंपरी में मेट्रो सेवा की योजना स्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की थी जिसे बाद में तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश कलमाड़ी और महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण, पृथ्वीराज चव्हाण ने इस परियोजना को आगे बढ़ाया और शुरुआत में इसके लिए 25 करोड़ रुपये का फंड दिया। इसके बाद पीएमआरडीए की स्थापना के बाद पहली बैठक में तत्कालीन पालकमंत्री मंत्री अजित पवार और सांसद सुरेश कलमाड़ी ने इस परियोजना की प्रारंभिक योजना और योजना बनाई। पुणे-पिंपरी मेट्रो कांग्रेस की योजना है। हालांकि, श्रेय पाने के लिए काम अधूरा होने के बावजूद भाजपा प्रधानमंत्री के हाथों इसका उद्घाटन कर रही है। प्रधानमंत्री ने संसद में महाराष्ट्र का अपमान किया है। किसानों और श्रमिकों का अपमान किया गया है। हम कांग्रेस की ओर से ऐसे प्रधानमंत्री का पुरजोर विरोध कर रहे हैं।
पूर्व पार्षद मारुति भापकर ने कहा कि दिल्ली में कृषि कानूनों के विरोध में हुए आंदोलन में 700 किसान मौत के मुंह मे चले गए। इसके लिए भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिम्मेदार हैं। हमारा मानना है कि ये किसान मारे गए हैं। कोरोना के मुद्दे पर प्रधानमंत्री ने महाराष्ट्र का अपमान किया है। देवेंद्र फडणवीस ने चुनाव में वादा किया था कि ‘न खाऊंगा न खाने दूंगा’ के नारे के साथ सत्ता में आए मोदी एक भय और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन देंगे, लेकिन बीजेपी और उसके पदाधिकारी भी उनके खिलाफ काम कर रहे हैं। चारों तरफ अन्याय, अत्याचार जारी है। भाजपा ने यह भी कहा कि हम सामाजिक दलों की ओर से इसका विरोध कर रहे हैं।