पुणे में मंदिर खुलने पर भक्तों की लगी भीड़

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    पुणे. नवरात्रि (Navratri) के दिन से राज्य के मंदिर (Temple) खोलने के फैसले के बाद गुरुवार 7 अक्टूबर को पुणे (Pune) के विभिन्न मंदिर भी खोले गए। पुणे के मशहूर दगडुशेठ गणपति और दगडुशेठ दत्त मंदिर समेत सभी तरह के मंदिरों को खोला गया। मंदिर खुलने के बाद दर्शन के लिए भक्तों (Devotees) का तांता लग गया। कोरोना नियमों का पालन करते हुए लोगों को दर्शन लेने की अनुमति है। गुरुवार को मंदिर खुलने के बाद आम लोगों के साथ राजनीतिक क्षेत्र के लोगों ने भी मंदिरों में जाकर पूजा-अर्चा की। पुणे के साथ-साथ पिंपरी-चिंचवड में भी मंदिरों को खोला गया।

    पुणे का सबसे मशहूर गणपति मंदिर दगडुशेठ गणपति मंदिर के दरवाजे भक्तों के लिए खुलते ही वहां भक्त बड़ी संख्या में दर्शन के लिए पहुंचे। सरकार के आदेशों का पालन करते हुए यहां सारे एहतियात बरते जा रहे थे। ‘गणपति बाप्पा मोरया’ का जयघोष करते हुए श्रद्धालु यहां दगडुशेठ गणपति का दर्शन लेते हुए दिखाई दिए।

    दगडुशेठ हलवाई दत्त मंदिर

    पुणे के कुछ मशहूर मंदिरों में बुधवार पेठ स्थित लक्ष्मीबाई दगडुशेठ हलवाई दत्तमंदिर का नाम शुमार है। गुरुवार को मंदिर खुलने के बाद जब भक्त मंदिर में पहुंचे तो वहां उन्हें मयूर महल की प्रतिकृति दिखाई दी। मंदिर की ओर से इसके लिए विशेष तैयारियां की गई। राज्य के जलसंपदा मंत्री जयंत पाटिल, सांसद वंदना चव्हाण, मशहूर शेख मधुरा बाचल यहां आकर आरती की और दत्त महाराज के दर्शन का लाभ लिया। यहां दर्शन लेने के लिए काफी भक्त आए।

    श्री महालक्ष्मी मंदिर

    श्री बन्सीलाल रामनाथ अग्रवाल धार्मिक एवं सांस्कृतिक ट्रस्ट के श्री महालक्ष्मी मंदिर भी गुरुवार को खोला गया। यहां गुरुवार को भक्तिमय वातावरण में मंत्रोच्चार में घटस्थापना की गई। ट्रस्ट की प्रमुख विश्वस्त अमिता राजकुमार अग्रवाल ने घटस्थापना की पूजा की। मंदिर में इस वर्ष नवरात्रि के पर्व पर पद्म मंदिर की प्रतिकृति को स्थापित किया गया है। दिनभर यहां भी भक्तों की दर्शन के लिए भीड़ लगी रही।

    पुणे नवरात्रि महोत्सव की हुई शुरुआत

    कला, संस्कृति, गायन, वादन का बेहतरीन संगम जहां होता है, ऐसा ‘पुणे नवरात्रि महोत्स’ को गुरुवार 7 अक्टूबर से शुरुआत हुई। इस मौके पर घटस्थापना की गई। महोत्सव के आयोजक और पुणे महानगरपालिका में कांग्रेस के गुटनेता आबा बागुल और महिला महोत्सव की अध्यक्ष जयश्री बागुल के हाथों लक्ष्मी माता को 25 किलो की चांदी की साड़ी अर्पित की गई। इस समय पुणे नवरात्रि महोत्सव के सदस्य रमेश भंडारी, घनश्याम सावंत, नंदकुमार कोंडालकर और कोषाध्यक्ष नंदकुमार बानगुडे आदि उपस्थित थे। महोत्सव का यह 27वां वर्ष है। महोत्सव के तहत शुक्रवार 8 अक्टूबर को गौरव पुरस्कार का वितरण किया जाएगा। इस बार बालगंधर्व पुरस्कार से सम्मानीत डॉ. रेवा नातु और निर्मला गोगटे, यमाजी मालकर, वेदमूर्ति श्रीकांत दंडवते और लावणी कलाकार पूनम कुडालकर को श्री लक्ष्मी माता जीवनगौरव पुरस्कार दिया जाएगा। इसके अलावा भी महोत्सव में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन होगा।