PCMC

    Loading

    पिंपरी: पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका (PCMC) के कई अधिकारी और कर्मचारी राज्य के बाहर के विश्वविद्यालय और प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान का कोर्स पूरा करते हैं और डिग्री और डिप्लोमा प्राप्त करते हैं। फिर उस आधार पर संबंधित अधिकारी और कर्मचारी पदोन्नति (Promotion) की मांग करते हैं। हालांकि, राज्य के बाहर के विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों से डिग्री और डिप्लोमा अब पदोन्नति के लिए नहीं माने जाएंगे। इससे बोगस डिग्री (Bogus Degree) और डिप्लोमावाले अधिकारी और कर्मचारियों पर लगाम कसी जा सकेगी। 

    पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका के अधिकारी और कर्मचारी अभिमत विश्वविद्यालय और राज्य के बाहर केंद्रीय सार्वजनिक विश्वविद्यालय के माध्यम से इंजीनियरिंग, प्रौद्योगिकी, बी-टेक, डीसीई, एमई, एमटेक और तकनीकी शिक्षा के दूरस्थ पाठ्यक्रम पूरा करते हैं। फिर ऐसी डिग्री और डिप्लोमा के आधार पर संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा महानगरपालिका प्रशासन से पदोन्नति की मांग की जाती है। 

    पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका को मिली हैं शिकायतें

    पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका के सामान्य प्रशासन विभाग को इस संबंध में कई तरह की शिकायतें मिली हैं। अत: महाराष्ट्र के बाहर के विश्वविद्यालयों से दूरस्थ तकनीकी शिक्षा पाठ्यक्रम के माध्यम से प्राप्त डिग्रियों या डिप्लोमाओं को मान्यता देने के संबंध में राज्य सरकार के विभिन्न आदेशों का अध्ययन किया गया।

    फर्जी डिग्रीवालों पर भी लगाम कसी जा सकेगी

    सरकारी आदेशों के अध्ययन के बाद महानगरपालिका प्रशासन ने निष्कर्ष निकाला है कि इस अध्ययन से राज्य के बाहर के गैर मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों से डिग्री या डिप्लोमा स्वीकार नहीं किए जाएंगे। महानगरपालिका कमिश्नर शेखर सिंह ने निर्णय लिया है कि राज्य के बाहर के विश्वविद्यालयों के डिग्री, डिप्लोमा, मास्टर डिग्री, इंजीनियरिंग के पाठ्यक्रम और प्रौद्योगिकी पाठ्यक्रमों को पदोन्नति के लिए नहीं माना जाएगा। महानगरपालिका के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को इसकी सूचना दे दी गई है। उस निर्णय से राज्य के बाहर के अपंजीकृत विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों में पाठ्यक्रम पूर्ण कर पद पर पदोन्नत होने वाले अधिकारी और कर्मचारी प्रभावित होंगे। साथ ही फर्जी डिग्रीवालों पर भी लगाम कसी जा सकेगी।