Pimpri-Chinchwad Municipal Corporation
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    पिंपरी : पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका ( Pimpri – Chinchwad Municipal Corporation) के आगामी (Upcoming) चुनाव (Election) नजदीक आने के साथ ही नगरसेवकों के अनधिकृत जनसंपर्क कार्यालय कमिश्नर के रडार पर आ गए हैं। अनाधिकृत जनसंपर्क कार्यालय जाने-माने सभी नगरसेवकों को महानगरपालिका के अनाधिकृत निर्माण विभाग ने नोटिस जारी किया है। अनाधिकृत निर्माण मामले में नगरसेवक पद को रद्द करने की तुलना में अगला चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य नहीं ठहराया जाना चाहिए, इससे नगरसेवकों में दहशत पैदा हो गई है। इसके चलते नोटिस मिलते ही नगरसेवकों की भीड़ कमिश्नर कार्यालय में बढ़ रही है।

    गौरतलब है कि पिंपरी-चिंचवड शहर में अनाधिकृत निर्माण की समस्या पिछले कुछ वर्षों से जस की तस बनी हुई है। तत्कालीन कमिश्नर दिलीप बंड ने अनाधिकृत निर्माण मामलों में 23 नगरसेवकों को अयोग्यता नोटिस जारी किया था। बाद में यह मामला कोर्ट में भी ले जाया गया। अब महानगरपालिका चुनाव से पहले वही मुद्दा फिर से उठ खड़ा हुआ है। इस बार पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका चुनाव समय पर नहीं हो सके हैं। मौजूदा पार्षदों का कार्यकाल 13 मार्च को समाप्त हो रहा है, अब अप्रैल में चुनाव होने की चर्चा है। इसी दौरान महानगरपालिका प्रशासन ने उन सभी नगरसेवकों को नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है, जो अनाधिकृत जनसंपर्क कार्यालय स्थापित किये हुए हैं।

    पार्षदों को नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है

    2017 के महानगरपालिका चुनाव चार सदस्यीय प्रणाली में हुए थे। अब यह तीन सदस्यीय तरीके से हो रहा है, इसलिए वार्ड बड़े हैं। पार्षदों की संख्या 11 से बढ़ गई है। जिससे और पार्षदों की संख्या 128 से बढ़कर 139 हो गई है। फिलहाल एक पार्षद के दो से तीन जनसंपर्क कार्यालय हैं। वार्ड संरचना बदलने के बाद नगरसेवकों ने नए वार्डों में जनसंपर्क कार्यालय स्थापित किए हैं। कइयों ने भव्य अंदाज में इसका उद्घाटन कराया है। कुछ ने टीन के शेड, तो कुछ ने फुटपाथों पर अनौपचारिक जनसंपर्क कार्यालय स्थापित किए हैं। जबकि कुछ पार्षदों के ऑफिस का काम चल रहा है। विरोधियों ने शिकायत की थी कि नगरसेवकों के जनसंपर्क कार्यालय अवैध है। उसके बाद महानगरपालिका के भवन अनुज्ञा विभाग ने सर्वे किया। बीट इंस्पेक्टरों के माध्यम से जनसंपर्क कार्यालयों का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण प्रतिवेदन के अनुसार अनाधिकृत जनसंपर्क कार्यालय ने सभी पार्षदों को नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है।

    नोटिस मिलते ही पार्षदों में भगदड़ मच गई है

    अनाधिकृत जनसंपर्क कार्यालयों को धारा 53 और 56 के तहत नोटिस जारी किए जा रहे हैं। आपके जनसंपर्क कार्यालय के साथ भवन, कार्यालय का निर्माण अनधिकृत है। इसका अवैध रूप से उपयोग किया जा रहा है, उसे रोका जाना चाहिए। धारा 53 के अनुसार अनाधिकृत निर्माण स्वयं ही हटाया जाए या नियमित करें, ऐसा नोटिस में कहा गया है। प्रत्येक अनधिकृत जनसंपर्क कार्यालय को अलग से नोटिस जारी की जा रही है। हालांकि, कितने लोगों के जनसंपर्क कार्यालय अनाधिकृत हैं? अभी सही संख्या का पता नहीं चल सका है, ऐसा नगर अभियंता मकरंद निकम ने कहा। बहरहाल ऐन चुनाव के मुहाने नोटिस मिलते ही पार्षदों में भगदड़ मच गई है। इससे उनमें दहशत पैदा हो गई है। क्योंकि, अनधिकृत निर्माण के कारण नगरसेवक का पद रद्द करने के बजाय उन्हें अगले छह वर्षों के लिए चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य नहीं ठहराया जाय, यह चिंता उन्हें सता रही हैं। नगरसेवकों ने आयुक्त के साथ बैठकों की संख्या बढ़ा दी है। प्रशासन के अनधिकृत जनसंपर्क कार्यालयों की संख्या और कार्रवाई पर सभी की नजरें गड़ गई हैं।