पुणे: कुंभारवाड़ा में दिवाली (Diwali) से सम्बंधित विभिन्न प्रकार के मिट्टी के पात्रों का दिवाली से गहरा सम्बन्ध है। दिवाली के मौके पर मिट्टी के दिए (Lamps) की काफी मांग है। गुजरात (Gujarat), पश्चिम बंगाल (West Bengal) और राजस्थान (Rajasthan) से मिट्टी के दिए कुंभारवाड़ा (Kumbharwada) पहुंच चुके हैं। अलग-अलग रंगों में इन्हे रंगने के लिए आवश्यक धातु के विविध अनेकों प्रकार के रंग भी मौजूद हैं।
इस दौरान लाल मिट्टी से बने दिए की खास मांग होती है। इसके अलावा पीओपी और चीनी मिट्टी से बने मंदिर, नारियल, मोर, दीपक, मोम का दीपक, कांच का दीपक, 21 दीपक की थाली, मोम का दीपक, मिट्टी का लालटेन, अखंड दीपक, कछुआ दीपक, हाथी, कंदील आदि यहां उपलब्ध हैं।
कीमतों में इजाफा होन के बावजूद वस्तुओं की मांग अधिक
पिछले साल की तुलना में इस साल कीमतों में 25 से 30 फीसदी का इजाफा हुआ है। कुंभारवाडा के विक्रेताओं का कहना है कि पेंट की कीमत और पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने से इस साल किलों, तस्वीरों, महाराज की मूर्तियों, लक्ष्मी की मूर्तियों के दाम बढ़े हैं। चूंकि कस्बा पेठ में कुंभारवाड़ा और केशवनगर मुंडवा में मूर्तियों को थोक में बेचा जाता है, इसलिए कोकण, मुंबई, नागपुर, सिंधुदुर्ग, रत्नागिरी के ग्रामीण खुदरा विक्रेताओं और शहर और उपनगरों के घरेलू ग्राहकों से माल की बड़ी मांग है।
दीयों की कीमत इस प्रकार है
- सादा दिए 20 रुपए दर्जन
- डिज़ाइन दिए 40 से 50 रुपए दर्जन
- मोर डिज़ाइन दिया 60 रुपए नग
- दीपमाला 150 से 200 रुपए नग
- कंदील दिए 120 रुपए नग
- नारियल दिए 40 रुपए नग
- कछुआ दिए 40 रुपए नग