पुणे. लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Khiri) की घटना के खिलाफ महाराष्ट्र (Maharashtra) में महा विकास आघाड़ी के घटक दलों द्वारा बंद का आयोजन किये जाने के दिन सोमवार को भाजपा ने राकांपा प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) पर परोक्ष रूप से निशाना साधा, जिन्होंने लखीमपुर खीरी की घटना की तुलना जलियांवाला बाग नरसंहार से की थी। भाजपा ने कांग्रेस-राकांपा गठबंधन के सत्ता में रहने के दौरान 2011 मावल पुलिस गोलीबारी की घटना को याद किया जिसमें पुणे जिले के तीन किसान मारे गए थे।
पुलिस ने 9 अगस्त, 2011 को पुणे जिले के पवना बांध से पिंपरी-चिंचवड शहर तक प्रस्तावित एक पेयजल आपूर्ति पाइपलाइन के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों पर गोलियां चलाई थीं, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी। महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दारेकर ने पुलिस गोलीबारी में मारे गए किसानों के परिजन से सोमवार को मुलाकात की और जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि दी।
उन्होंने सवाल किया, ‘‘लखीमपुर खीरी में जो कुछ भी हुआ वह निंदनीय था। उस घटना का समर्थन नहीं किया जा सकता है। हालांकि, किसानों के नाम पर लखीमपुर की घटना को भुनाने के लिए राजनीति की जा रही है। क्या इन किसानों की शहादत (मावल गोलीबारी में मारे गए) बेकार हो गई है?” दारेकर ने राकांपा प्रमुख शरद पवार का नाम लिए बिना कहा कि लखीमपुर खीरी की घटना की तुलना जलियांवाला बाग हत्याकांड से की जाती है, लेकिन ‘‘यहां मावल में किसानों पर भीषण गोलीबारी हुई थी।”
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “मावल के 1,300 किसानों का अभी तक पुनर्वास क्यों नहीं हुआ? मैं यहां इस सब (बंद) के पीछे की राजनीति को उजागर करने आया हूं।” (एजेंसी)