PCMC Budget 2023

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पिंपरी: चुनावी साल रहने के कारण किसी प्रकार की कर या दरवृद्धि को शामिल किए बिना नई की बजाय पुरानी परियोजनाओं को पूरा करने पर जोर देनेवाला पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका (Pimpri-Chinchwad Municipal Corporation) का 7127.88 करोड़ रुपए का बजट (Budget) पेश किया गया। सन 2023- 2024 वित्त वर्ष के लिए मूल 5298.20 करोड़ रुपए और केंद्र और राज्य सरकार की पुरस्कृत योजनाओं से युक्त कुल 7127.88 करोड़ रुपए के इस बजट को मंगलवार को पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका की विशेष सभा में मंजूरी दी गई। इसमें 6.30 करोड़ रुपए की शेष राशि भी शामिल है। पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका के प्रशासक और कमिश्नर शेखर सिंह (PCMC Commissioner Shekhar Singh) ने अपने इस पहले बजट में सभी घटकों और पिंपरी-चिंचवड शहर के सर्वसमावेशी विकास को प्राथमिकता दी हैं। 

बजट की जमा मद में आरंभिक शेष राशि 5.70 करोड़ रुपए दर्शाए गए हैं। राजस्व जमा से 4691.60 करोड़ रुपए और पूंजीगत जमा से 601 करोड़ रुपए और यूटीएफ निधि से 415.61 करोड़ रुपए अपेक्षित है। वहीं केंद्र और राज्य सरकार से मिलनेवाले अनुदानों से 1413.96 करोड़ रुपए अपेक्षित हैं। मूल 5292 करोड़ रुपए के बजट की जमा मद में जीएसटी अनुदान से 2213 करोड़ रुपए, निर्माण अनुमति विभाग से 950 करोड़ रुपए, कर संग्रह विभाग से 850 करोड़ रुए, अनुदान से 341.17 करोड़ रुपए, निवेश और एफडी के ब्याज से 124 करोड़ रुपए दर्शाए गए हैं। खर्च की मद में 2961.48 करोड़ रुपए का राजस्व और 1922.17 करोड़ रुपए दिखाए गए हैं। पिछले साल केंद्र और राज्य सरकार की पुरस्कृत योजनाओं के साथ कुल 6497.2 करोड़ रुपए का बजट पेश किया गया था। 

प्रशासक शेखर सिंह के कई ड्रीम प्रोजेक्ट शामिल

जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल खत्म होने से महानगरपालिका में प्रशासक राज है। प्रशासक राज में प्रशासक और महानगरपालिका कमिश्नर शेखर सिंह का यह पहला बजट है। इसमें महानगरपालिका के लिए नया मुख्यालय, सेंट्रल लाइब्रेरी, मोशी में 750 बेड का अस्पताल और मेडिकल कॉलेज, कैंसर हॉस्पिटल, पुणे-मुंबई हाइवे रोड स्केपिंग प्रोजेक्ट, महानगरपालिका पब्लिक स्कूल, नदी सुधार, सिटी सेंटर, अण्णासाहेब मगर स्टेडियम का विकास जैसी परियोजनाएं जो उनके ड्रीम प्रोजेक्ट हैं, भी शामिल हैं। 

PCMC का ए ए+ रेटिंग कायम

महानगरपालिका बजट का बड़ा हिस्सा केंद्र और राज्य सरकार से मिलनेवाले अनुदान पर टिका हुआ है। बड़ी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए सार्वजनिक भागीदारी यानी पीपीपी तत्व और म्युनिसिपल बॉन्ड का सहारा लेने की मंशा कमिश्नर शेखर सिंह ने जताई है। महानगरपालिका का वित्तीय स्वास्थ्य बेहतर है और उसकी ए ए+ रेटिंग कायम है। प्रशासक सिंह की अध्यक्षता में हुई विशेष सभा में मुख्य लेखाधिकारी जितेंद्र कोलंबे ने नए वित्त वर्ष का बजट पेश किया। पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका का यह 41वां बजट है। इस सभा मे अतिरिक्त आयुक्त जितेंद्र वाघ, उल्हास जगताप, प्रदीप जांभले पाटील उपस्थित थे।

आय बढ़ाने के लिए किए जा रहे ये काम

जैसा कि पहले ही स्पष्ट किया गया है कि चुनावी साल रहने के कारण नए बजट में किसी प्रकार की कर या दरवृद्धि शामिल नहीं की गई है। इसकी बजाय प्रॉपर्टी टैक्स, जीएसटी, निर्माण विकास शुल्क जैसे उपलब्ध आय के स्रोतों के मजबूतीकरण पर जोर देने की बात कही गई है। प्रॉपर्टी टैक्स निर्धारण से दूर रही प्रॉपर्टीज को टैक्स के दायरे में लाने के लिए सर्वे किया जा रहा है। इसी प्रकार से पानी बिल की आय बढ़ाने के लिए अवैध कनेक्शन नियमितीकरण पर जोर दिया जा रहा है। बुनियादी सुविधाएं, जलापूर्ति, यातायात आदि घटकों पर ध्यान केंद्रित कर उसके लिए निधि आबंटित की गई है। वर्तमान में जारी जलापूर्ति, ड्रेनेज, सड़क, उड़ान पूल जैसी परियोजनाओं को पूरा करने की प्राथमिकता दी गई है। 

कमिश्नर ने बजट पर कही ये बड़ी बात

पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका कमिश्नर शेखर सिंह ने कहा कि एकीकृत विकास की अवधारणा से महानगरपालिका क्षेत्र में सड़क पुल, अस्पताल, खेल के मैदान, स्कूल आदि सभी प्रकार की अधोसंरचना सुविधाओं के निर्माण से शहर सुगम संचार वाला शहर बन जाएगा। आधुनिक चिकित्सा सेवाओं और शैक्षिक गुणवत्ता, विभिन्न खेलों और एथलीटों को प्रोत्साहित करने के लिए मैं शहर के सभी वर्गों को उपयुक्त बनाकर इन सुविधाओं को आसानी से उपलब्ध कराने का इरादा है। बुनियादी ढांचे के निर्माण के साथ-साथ शहर को पर्यावरण के अनुकूल बनाना और शहर के नागरिकों के स्वास्थ्य और जीवन स्तर में सुधार करना। नागरिकों की सुरक्षा को बनाए रखने, विभिन्न पार्कों को अद्यतन करके मनोरंजन और मनोरंजन के लिए सुविधाएं बनाने और शहर के सभी सामाजिक तत्वों को तुरंत आवश्यक सेवाएं प्रदान करने का इरादा है।

बजट की विशेषताएं

  • विभिन्न विकास कार्यों के लिए 1,801 करोड़ 51 लाख
  • शहरी गरीबों के लिए 1524 करोड़
  • महिला योजना के लिए 48 करोड़ 54 लाख
  • क्षेत्रीय स्तर पर विकास कार्यों के लिए 150 करोड़
  • जलापूर्ति विशेष कोष 154 करोड़
  • अमृत योजना: 2.0 के लिए 20 करोड़
  • निर्माण विशेष योजना: 846 करोड़
  • स्मार्ट सिटी का प्रावधान 50 करोड़
  • विकलांग कल्याण योजना के लिए 45 करोड़ 6 लाख
  • पीएमपीएल के लिए 294 करोड़ का प्रावधान
  • अतिक्रमण हटाने की व्यवस्था के लिए 10 करोड़ 50 लाख
  • भूमि अधिग्रहण के लिए 120 करोड़
  • पिछडेवर्गियों की कल्याणकारी योजनाओं के लिए 51.45 करोड़
  • खेल सुविधाओं के लिए 70.44 करोड़