Pimpri-Chinchwad Municipal Corporation
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  • कर्मचारियों का तीव्र विरोध जारी
  • मनपा कर्मचारी महासंघ आक्रामक, मनपा बंद करने की दी चेतावनी

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पिंपरी. कर्मचारियों और उनका नेतृत्व करनेवाले महासंघ के विरोध, उपमुख्यमंत्री अजीत पवारम (Ajit Pawar) के आदेश और स्थायी समिति (Standing Committee) द्वारा पारित प्रस्ताव को ताक पर रखकर पिंपरी-चिंचवड़ मनपा कमिश्नर श्रावण हार्डिकर (Shravan Hardikar) ने मनपा कर्मचारियों के लिए लागू ‘धन्वंतरि स्वास्थ्य योजना’ (‘Dhanvantari Swasthya Yojana’) को बंद करने की तैयारी शुरू  कर दी है। इसकी बजाय निजी बीमा पॉलिसी थोपी जा रही है।

 इसका पुरजोर विरोध करते हुए महासंघ ने आरोप लगाया है कि मनपा कमिश्नर सत्तादल भाजपा के दबाव में एकतरफा फैसला कर रहे हैं। ‘धन्वंतरि योजना’ को बंद करने की सूरत में मनपा बंद करने की चेतावनी भी महासंघ की ओर से दी गई है।

1 सितंबर, 2015 से चिकित्सा योजना ‘धन्वंतरि स्वास्थ्य’ लागू 

मनपा सेवा में कार्यरत और सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए 1 सितंबर, 2015 से चिकित्सा योजना ‘धन्वंतरि स्वास्थ्य’ लागू की गई है. 7500 कर्मचारी चिकित्सा व्यय की प्रतिपूर्ति के लिए 300 रुपए का भुगतान कर रहे थे. वहीं, 150 सेवानिवृत्त कर्मचारी 150 रुपए की सदस्यता का भुगतान कर रहे थे और मनपा 600 रुपए का हिस्सा दे रहा था.अब नई बीमा पॉलिसी से 7500 कर्मचारियों और 1500 प्राथमिक शिक्षकों को फायदा होगा. इस पर हर साल करीब 27 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। पिछले कुछ महीनों से धनवंतरी स्वास्थ्य योजना को बंद करने की योजना है। इसके बजाय बीमा पॉलिसी लाने का प्रयास किया जा रहा है। महासंघ द्वारा उनका कड़ा विरोध किया जा रहा है। कोरोना अवधि के दौरान, कमिश्नर ने 14 सितंबर 2020 को धनवंतरी योजना को बंद कर दिया था और एक प्रतिपूर्ति मुआवजा योजना लागू की थी।

औद्योगिक न्यायालय में कमिश्नर के फैसले को चुनौती

महासंघ ने औद्योगिक न्यायालय में कमिश्नर के फैसले को चुनौती दी है । हालांकि, कमिश्नर ने अदालत को बताया कि धनवंतरी स्वर योजना को जारी रखा जाएगा, जबकि इस मामले की सुनवाई जारी थी। इसलिए केस खत्म हो गया था। उसके बाद कमिश्नर श्रवण हार्डिकर ने धनवंतरि स्वास्थ्य योजना को बंद करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मनपा के कर्मचारियों के लिए धन्वंतरि स्वास्थ्य योजना’ फायदेमंद साबित हो रही है। इसलिए कर्मचारी महासंघ इस योजना को बंद नहीं होने देना चाहता। उन्हें राष्ट्रवादी कांग्रेस और शिवसेना का भी समर्थन प्राप्त है। स्थायी समिति ने धनवंतरि स्वास्थ्य योजना को जारी रखने के लिए 16 सितंबर को एक सदस्य प्रस्ताव भी पारित किया। उपमुख्यमंत्री और जिला पालकमंत्री अजीत पवार ने कर्मचारी महासंघ के साथ चर्चा करने के बाद ही कमिश्नर को निर्णय लेने का निर्देश दिया था। विधायक अण्णा बनसोडे और शिवसेना के गुटनेता राहुल कलाटे ने भी कमिश्नर को धन्वंतरि योजना जारी रखने का निर्देश दिया है। इन सबके बावजूद धन्वंतरि योजना बंद कर निजी बीमा पॉलिसी लागू करने की कोशिशें जारी हैं। हालिया पूर्व महापौर योगेश बहल ने आम सभा में आरोप लगाया था कि भाजपा ने अपनी बीमा पॉलिसी से मनपा में 7 करोड़ रुपए की ‘डकैती’ की है। इस बारे में कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष अंबर चिंचवडे ने कहा कि सभी कर्मचारी और संघ मांग करते हैं कि ‘धन्वंतरि स्वास्थ’ योजना को जारी रखा जाए।

मनपा कमिश्नर को एकतरफा निर्णय नहीं लेना चाहिए

मनपा कमिश्नर श्रवण हार्डिकर को एकतरफा निर्णय नहीं लेना चाहिए। धनवंतरी योजना में कुछ त्रुटियां होंगी, तो इसमें सुधार होना चाहिए। कमिश्नर ने एक समान मुआवजा योजना को लागू करने का एकतरफा फैसला किया था। महासंघ ने औद्योगिक न्यायालय में चुनौती दी थी। उस समय, कमिश्नर ने लिखा था कि मुआवजा योजना बंद कर धन्वंतरि योजना जारी रहेगी। हालांकि अब कमिश्नर ने एक विरोधी रुख अपनाया और धनवंतरी योजना को बंद करने की तैयारी शुरू की है। महासंघ उसका कड़ा विरोध कर रहा हैं। चिंचवड़े ने आरोप लगाया है कि कमिश्नर किसी के दबाव में काम कर रहे हैं। हम इसके खिलाफ आंदोलन करने जा रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि समय आने पर मनपा बंद किया जाएगा।