नामदेव ढाके का एनसीपी पर तंज, कहा-5 साल थे मौन, अब भ्रष्टाचार पर बोलने का नैतिक अधिकार नहीं

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    पिंपरी: मौजूदा नगरसेवकों (Corporators) का कार्यकाल सोमवार (14 मार्च) को समाप्त होने जा रहा है। मनमानी, भ्रष्टाचार (Corruption) पर चर्चा टालने के लिए पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका (Pimpri-Chinchwad Municipal Corporation) के सत्तादल बीजेपी (BJP) ने सर्वसाधारण सभा को 17 मार्च तक के लिए स्थगित करने की चाल चली। बीजेपी ने विशेष सभा बुलाने की मांग भी अस्वीकार कर दी। यह शिकायत करते हुए विपक्षी दलों ने शनिवार को बीजेपी को बेनकाब करने के लिए ‘मॉक’ जीबी का ऐलान किया है। इस पर शुक्रवार को बीजेपी ने पलटवार किया है। महानगरपालिका में सत्तादल के नेता नामदेव ढाके ने कहा कि पांच साल तक विपक्ष मौन रहा और अब जो भ्रष्टाचार हुआ ही नहीं उस ओर बोलने का उसे नैतिक अधिकार नहीं है।

    महानगरपालिका में पिछले 15 से 20 वर्षों से एनसीपी द्वारा किए गए भ्रष्टाचार से शहर के लोग तंग आ गए और 2017 में हुए आम चुनाव में बीजेपी को सत्ता सौंप दी। इन पांच वर्षों के दौरान बीजेपी ने शहर की जरूरतों की पहचान की है और अगले 30 वर्षों के लिए विभिन्न विकास कार्यों की योजना बनाई। 

    एनसीपी के पास कोई मुद्दा नहीं

    अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के पास लोगों के सामने जाने के लिए कोई ठोस मुद्दा नहीं है। इसलिए शहर के लोगों को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है। दरअसल, महानगरपालिका में स्मार्ट सिटी में, स्थायी समिति में या सभी विषय समितियों में, हमारे पास एनसीपी के साथ शिवसेना के सदस्यों की संख्या समान है, जबकि विकास कार्य का विषय संबंधित बैठक में पटल पर रहता है, इस मण्डली ने पिछले 5 वर्षों में किसी भी बैठक में अपनी आपत्ति दर्ज नहीं की है। अगर वह सोचते थे कि भ्रष्टाचार हो गया है, लेकिन उस समय क्यों नहीं रोक पाए और अब जब सबूत नहीं है तो भ्रष्टाचार का अचानक खुलासा कैसे हो सकता है?  जनता इससे अनजान नहीं है। 

    …तो समय पर इसकी जांच क्यों नहीं करते?

    यदि कोई बैठक में स्वीकृत मुद्दों का प्रमाण देखना चाहता है तो प्रत्येक बैठक का कार्यवृत्त महानगरपालिका में उपलब्ध है। महानगरपालिका में पिछले 15 से 20 साल से जिन ठेकेदारों का एनसीपी ने जतन किया, पालन पोषण किया। ठेकेदार आज भी महानगरपालिका में काम कर रहे हैं।  एफडीआर मामले में जिन ठेकेदारों ने घोटाले किए हैं, वे विपक्ष के गढ़ हैं। इन 5 वर्षों के दौरान बीजेपी ने इन ठेकेदारों को नियमानुसार काम करने के लिए मजबूर किया है। नामदेव ढाके ने कहा कि वे अब अपना गुस्सा बीजेपी पर निकाल रहे हैं। राज्य में महाविकास आघाड़ी सत्ता में है। यदि स्थानीय अधिकारियों के पास भ्रष्टाचार के सबूत हैं, तो समय पर इसकी जांच क्यों नहीं करते? या कोर्ट क्यों नहीं जाते? 

    बीजेपी ने विकास कार्य बहुत ही पारदर्शी तरीके से किया

    दरअसल, इन 5 वर्षों में बीजेपी ने आम जनता को केंद्र में रखकर महानगरपालिका में विभिन्न विकासोन्मुखी कार्य और नवीन योजनाएं लाई हैं। बीजेपी ने विकास कार्य बहुत ही पारदर्शी तरीके से किया है और हम अगले सप्ताह महानगरपालिका में विपक्ष के दुकानदारों को लोगों के सामने लाएंगे। इसके अलावा पिछले 20-25 वर्षों में जिन्होंने महानगरपालिका को अपनी संपत्ति माना है, उन्होंने महानगरपालिका भवनों में अपनी दुकानें स्थापित की हैं। इसे बहुत जल्द उजागर किया जाएगा, यह दावा भी ढाके ने किया।