‘शहरी-बाहरी’ के विवाद से फूट डालने की सियासत बंद करें, पार्थ पवार ने दी भाजपा को नसीहत

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    पिंपरी:  आगामी महानगरपालिका चुनाव की पृष्ठभूमि पर पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका (Pimpri-Chinchwad Municipal Corporation) की सत्तारूढ़ भाजपा (‍BJP) ने फिर एक बार ‘शहरी- बाहरी’ का कार्ड बाहर निकाल लिया है। पिछले चुनाव में भी ‘नको भानमती, नको बारामती’ का नारा लगाकर भाजपा ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की 15 साल की सत्ता उखाड़ फेंक पहली बार पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका पर परचम लहराया। अब जब महानगरपालिका के आम चुनाव तीन माह की दूरी पर हैं, तब भाजपा विधायक और शहराध्यक्ष महेश लांडगे (Mahesh Landge) ने फिर एक बार ‘शहरी- बाहरी’ के विवाद को हवा देने की कोशिश की है।  इस बारे में enavabharat द्वारा सबसे पहले खबर प्रकाशित की है। इस पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के युवा नेता पार्थ पवार (Parth Pawar) ने सोमवार को एक ट्वीट कर भाजपा को इस तरह के विवाद से फूट डालने की सियासत बंद करने की नसीहत दी है।

    ज्ञातव्य है कि पिछले महानगरपालिका चुनाव में भाजपा ने ‘नको बारामती, नको भानामती’ का नारा बुलंद कर पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका पर फतह हासिल की। अब तीन माह की दूरी पर जब दूसरा आम चुनाव आ गया है तब फिर एक बार भाजपा ने ‘शहरी- बाहरी’ के विवाद को हवा देने की कोशिश की है। महानगरपालिका का गढ़ पुनः हासिल करने की कवायद में जुटी भाजपा के शहराध्यक्ष और विधायक महेश लांडगे ने एक समारोह में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का नामोल्लेख टालते हुए कहा था कि ‘बीते चार सालों में हम चिखली जैसे इलाके का कायापलट कर सकें क्योंकि हमारे पद वितरण या दूसरे सभी अहम फैसले पिंपरी-चिंचवड़ में ही होते हैं, इसके लिए हमें कहीं शहर से ‘बाहर’ नहीं जाना पड़ता। महानगरपालिका चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव में भी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को ‘शहरी-बाहरी’ नेतृत्व के विवाद से काफी नुकसान हुआ था और तब लोकसभा चुनाव के प्रत्याशी रहे पार्थ पवार को पराजय का सामना करना पड़ा। 

    क्या कहा है पार्थ ने

     

    अब फिर एक बार महानगरपालिका चुनाव के मुहाने भाजपा ने इस विवाद को हवा दे दी है। इस बारे में enavabharat ने सबसे पहले खबर प्रकाशित की है। इस पृष्ठभूमि पर आज राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के युवा नेता पार्थ पवार ने एक सूचक ट्वीट किया है। इसमें उन्होंने कहा है कि पिंपरी-चिंचवड शहर में संपूर्ण महाराष्ट्र और देश के लोग बसे हुए हैं। शहर के विकास में कर के रुप में सभी ने समान योगदान दिया है। ऐसे में ‘शहरी और बाहरी’ का विवाद पैदा कर शहरवासियों का अपमान करना और फूट डालने की सियासत करना पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका की सत्तारूढ़ भाजपा को बंद कर देना चाहिए क्योंकि अब ‘गांववाले- बाहरवाले’ की सियासत नहीं चलती, न लोग उसके भुलावे आएंगे।