नई दिल्ली: जहां रोजाना बेटियों को पेट में मारने की घटना हम सुनते है, ऐसे में आज हम जो खबर आपको देने जा रहे है वह दिल को सुकून देने वाली है, इस खबर को जानकर आप भी कहेंगे कि देश बदल रहा है। महाराष्ट्र के पुणे के बालेवाड़ी के रहवासी बालवडकर परिवार ने जो काम किया, उससे समाज के सामने एक आदर्श स्थापित हुआ है। जी हां दरअसल पेशे से किसान अजित बालवडकर को जब खबर मिली कि उनकी बहू ने एक लड़की को जन्म दिया है, तो वो ख़ुशी से इतने झूम उठे कि उन्होंने पोती को घर लाने के लिए हेलीकाप्टर भेज दिया। आईये जानते है इस खशी भरे पल में किसान अजित बालवडकर ने कैसे जश्न मनाया…
हेलीकॉप्टर से किया पोती का स्वागत
जैसा की हमने आपको बताया दादा अपनी पोती के जन्म पर इतने खुश थे कि जब हेलीकाप्टर गांव पहुंचा तो उसने हेलीकाप्टर से ही गांव के 3 चक्कर लगवाये।; इतना ही नहीं, बेटी को लेकर जैसे ही बहू हेलीकाप्टर से उतरी तो उसका जोरों शोरों से साथ स्वागत किया गया। अब इसकी चर्चा पुरे देश भर में हो रही है, इस खबर ने समाज के रूढ़िवादी सोच को सिरे से गलत बताते हुए यह खूबसूरत पहल की है।
पोती के जन्म से बहुत खुश है दादाजी
अब इसका खूबसूरत वीडियो सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल हो रहा है। इस वायरल वीडियो में आप भी देख सकते हैं कि बहू-बेटे जब बेटी के साथ जमीन पर उतरे तो उनका आरती से स्वागत किया गया। उन्होंने बेटी का नाम कृषिका रखा गया है, और पूरे गांव में मिढ़ाइयां बांटी।
किसान दादाजी ने समाज को दिया ये संदेश
दादा बनने के बाद मीडिया के सामने दादा अजित ने कहा, ‘इस काम के जरिए मैं लोगों को कहना चाहूंगा कि अगर आपके घर भी लड़की जन्म लेती है तो उसका अच्छे से स्वागत करिए। ‘ उन्होंने आगे कहा, ‘आज के समय में लड़का-लड़की में भेद की खबरें आती रहती हैं। ऐसे में बेटी के जन्म पर ऐसा करना समाज में एक नया वातावरण का निर्माण करता हैं।’ आशा करते है कि इसकी तस्वीरें देख लोगों का भी नजरिया बदलेगा।
Maharashtra | Ajit Pandurang Balwadkar, a farmer from Balewadi hired a helicopter to bring his newborn granddaughter and daughter-in-law to his house in Balewadi from the maternal house of the daughter-in-law in Shewalwadi in Pune. (26.04) pic.twitter.com/T9dR8gxVqe
— ANI (@ANI) April 26, 2022
बेटी के जन्म पर मनाया जश्न
इस बारे में बात करते हुए कृषिका की मां अक्षता कृष्णा बालवडकर ने कहा, ‘हमें बहुत अच्छा लगा रहा है। हमारा पहले से एक बेटा है। हम सबकी इच्छा थी कि एक बेटी हो जाए, वो आ गई, हमें काफी अच्छा लग रहा है।’ जाहिर है, अजित जैसे लोग उन लोगों के लिए सबक है, जो आज भी लड़का-लड़की के नाम पर समाज में भेदभाव करते हैं। फिलहाल, घर आई इस लक्ष्मी को पलकों पर बिठाए हुए हैं और उनके जश्न में गांव वाले भी उनका साथ दे रहे हैं। इतना ही नहीं, बेटे और बहू जब गांव पहुंचे तो पूरे घर को खूबसूरत तरीके से सजाया गया था, यह समजा के लिए एक मिसाल है।