टीओटी से भारत के जीडीपी में होगी वृद्धि: डॉ. रॉडनी रिवीयर

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    पिंपरी : जर्मन मॉडल (German Model) पर आधारित तकनीकी प्रशिक्षकों (टीओटी) का प्रशिक्षण अंतर्राष्ट्रीय मानक जनशक्ति भारत में ऑटोमोबाइल (Automobile) और इंजीनियरिंग (Engineering) के क्षेत्र में प्रशिक्षकों द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा। इस जनशक्ति का उपयोग भारत (India) और जर्मन (German) उद्योग के लिए उपलब्ध होगा। इंडो-जर्मन वोकेशनल एजुकेशन ट्रीटी (IGVET) के प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ. रॉडनी रिवियर (Dr. Rodney Rivier) ने कहा कि इससे भारत की खासकर ऑटोमोबाइल सेक्टर में जीडीपी को बढ़ावा मिलेगा।

    प्रशिक्षण प्रशिक्षकों को अद्यतित रखने के लिए उपयोगी

    केंद्र सरकार ने पूरे भारत के छोटे पैमाने के उद्यमियों के लिए चिंचवड पुणे में भारत में एकमात्र इंजीनियरिंग क्लस्टर स्थापित किया है। कौशल विकास मंत्रालय, इंजीनियरिंग क्लस्टर पुणे, जर्मन इंटरनेशनल को-ऑपरेशन (जीआईजेड), जेसेलशाफ्ट फॉर इंटरनेशनल जुस्माननारबेट (जीआईजेड) द्वारा संयुक्त रूप से चिंचवाड इंजीनियरिंग क्लस्टर पुणे में आयोजित (टीओटी) प्रशिक्षण कार्यशाला के उद्घाटन के अवसर पर डॉ. रिवीयर ने आगे कहा कि ट्रेनर प्रशिक्षण पहल भारत में औद्योगिक और इंजीनियरिंग क्षेत्रों में प्रशिक्षकों को उच्चतम स्तर के प्रशिक्षण से गुजरने का अवसर प्रदान करती है। यह प्रशिक्षण प्रशिक्षकों को अद्यतित रखने के लिए उपयोगी है क्योंकि इस गतिविधि में अभ्यास पर भी जोर दिया जाता है।  

    श्रमिकों को उच्चतम गुणवत्ता प्रशिक्षण प्रदान करने के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि इससे प्रशिक्षकों और श्रमिकों की गुणवत्ता में सुधार करने में भी मदद मिलेगी। इस मौके पर इंजीनियरिंग क्लस्टर पुणे के निदेशक सागर शिंदे, जिला उद्योग केंद्र के जनरल मैनेजर प्रकाश रोंदालकर, एएसडीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरिंदम लाहिरी, जर्मन ड्यूल प्रो अँड प्रो रिकॉग्निशन की प्रमुख इयसाबेल थेनिन्जर, आयजीविजिटी के प्रकल्प निदेशक डॉ. रोडनी रिवीयर, जर्मन इंटरनेशनल को-ऑपरेशन के (जीआयझेड) वोकेशनल एन्ड लेबर मार्केटिंग सलाहकार अमर प्रतापराव पाटील, पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका के अतिरिक्त कमिश्नर उल्हास जगताप, इंजीनियरिंग क्लस्टर पुणे के वरिष्ठ सदस्य इरफान आवटे आदि उपस्थित थे।