Ujani Dam

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सोलापुर: उजनी बांध का जलस्तर शून्य से 36 प्रतिशत नीचे है, जिससे बाष्पीकरण, कृषि और जल आपूर्ति योजनाओं के लिए उजनी जलाशय से निकाले जाने के कारण हर आठ दिनों में लगभग एक टीएमसी पानी कम हो रहा है। उजनी बांध क्षेत्र में जून के अंत या जुलाई में बारिश होती है। इसलिए मौजूदा स्थिति यह है कि इस साल उजनी बांध बनने के बाद पहली बार यह माइनस 70 फीसदी तक चला जाएगा। 2015-16 में बांध माइनस 60 प्रतिशत था। अब बांध के बैक वाटर से पानी की निकासी पर रोक लगाने के लिए हलचल तेज हो गयी है। 

सोलापुर जिले के करमाला, माढा, बार्शी, मालशिरस, सांगोला तहसील में सूखा घोषित किया गया है और बाकी तहसिलों में भी स्थिति चिंताजनक है। फिलहाल जिले की एकरुख, हिंगनी, जवलगांव, मांगी, आष्टी, बोरी और पिंपलगांव ढाले इन सात मध्यम परियोजनाओं में भी पानी डेढ़ टीएमसी से कम है। उजनी बांध भी अपने निचले स्तर पर पहुंच रहा है और 15 मई के बीच सोलापुर शहर के लिए एक बार फिर भीमा नदी से छह से साढ़े छह टीएमसी पानी छोड़ना पड़ेगा। मौजूदा स्थिति यह है कि आठ दिन में एक बार बैक वाटर से एक टीएमसी पानी खत्म हो जा रहा है। 

बांध क्षेत्र में कृषि के साथ-साथ इंदापुर, बारामती, धाराशिव, कर्जत-जामखेड आदि शहरों के साथ कुर्डुवाड़ी की जलआपूर्ति योजना बैक वॉटर से संलग्नित है। अधिकारियों ने बताया कि मई के अंत तक सोलापुर के परिसंचरण और बैकवाटर निकासी, ग्रीष्मकालीन वाष्पीकरण के कारण बांध में लगभग 15 टीएमसी पानी कम हो जाएगा। वहीं, अगर बारिश लंबी चली तो जुलाई में आषाढ़ी वार के लिए भी ढाई टीएमसी तक पानी छोड़ना पड़ेगा और साथ ही सोलापुर शहर के लिए एक और अतिरिक्त चक्र छोड़ना पड़ेगा। यह भी अनुमान है कि उस समय बांध में डेड स्टॉक माइनस 70 प्रतिशत से भी अधिक गहरा हो सकता है। 

बांध क्षेत्र में अब सिर्फ दो घंटे बिजली
हिल्ली, चिंचपुर, औज, गुरसाले, भोस, पंढरपुर, उचेठाण बांधों के पास बिजली आपूर्ति पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। डिप्टी कलेक्टर अमृत नाटेकर ने कहा कि इस संबंध में पत्र महावितरण अधिकारियों को भेज दिया गया है। इस बांध के आसपास के किसानों को अब हर दिन केवल दो घंटे बिजली मिलेगी। पीने के लिए पानी बचाने के लिए यह कदम उठाया गया है। 

26 गांवों और 204 वाडियों को टैंकरों से पानी
टैंकर-मुक्त जिले के रूप में जाने जाने वाले सोलापुर जिले के ग्रामीण क्षेत्र में वर्तमान में 28 टैंकर काम कर रहे हैं,  26 गांवों और 204 वस्तियों के लोगों को टैंकरों से पानी की आपूर्ति की जा रही है। पिछले छह-सात साल में पहली बार मार्च महीने में ही इतने टैंकर शुरू हुए हैं। फिर भी टैंकरों की मांग दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है, लेकिन सच तो यह है कि मानदंडों के कारण टैंकर सेवा शुरू होने में देरी हो रही है। गर्मियों में पीने के पानी को सबसे ज्यादा प्राथमिकता दी जाती हैं। जिससे पीने के पानी की कमी बड़े पैमाने पर नहीं होती, लेकिन नहर के नीचे खेती के लिए पानी का मुद्दा गंभीर हो सकता है। जब मानसून के दौरान उजनी 100 प्रतिशत भरा होता है, तो बांध में 117 टीएमसी पानी होता है।