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    पुणे: गणेशोत्सव (Ganeshotsav) का आगमन महज एक दिन दूर है। लोग अपने बाप्पा (Bappa) के स्वागत के लिए लोग पलक बिछाए हुए हैं, लेकिन प्रशासन है कि उनके उत्साह को कम करने पर उतारू है। बाप्पा की सवारी जिन सड़कों पर आनी है , उन पर गड्ढे ही गड्ढे हैं। त्योहारों को देखते हुए शहर की सड़कों पर बने गड्ढों की मरम्मत की तत्काल जरूरत थी, लेकिन आश्वासन के बावजूद पुणे महानगरपालिका प्रशासन (Pune Municipal Corporation Administration) ने इसकी अनदेखी की। इस कारण लगता है इस बार भी गड्ढों वाली सड़कों पर ही गणराया की सवारी गुजरेगी।

    मानसून की पहली बारिश में ही जुलाई में सड़क  गड्ढों से पट गए। इस बारिश ने सड़कों की पोल खोल कर रख दी। जहां देखों वहां सड़क पर गड्ढे ही गड्ढे दिखाई पड़ रहे हैं। जलापूर्ति योजना, मलनिस्सारण और पथ विभाग द्वारा एक ही काम के लिए बार-बार खुदाई करने से सड़कें खस्ताहाल हो गई हैं। लोगों की शिकायतों के बाद पुणे महानगरपालिका प्रशासन ने ठेकेदारों के साथ इंजीनियरों पर कार्रवाई करने का निर्णय लिया। सड़कों की मरम्मत का कार्य शुरु किया गया था पर वे दावे खोखले ही साबित हो रहे हैं।

    अभी भी शहर की सड़कों पर गड्ढे ही दिखाई दे रहे 

     मनपा प्रशासन द्वारा सड़कों पर बने गड्ढों की मरम्मत का कार्य हाथ में लिया गया है। उसके तहत अब तक 15 हजार गड्ढों की मरम्मत का दावा महानगरपालिका प्रशासन ने किया है, लेकिन अभी भी शहर की सड़कों पर गड्ढे ही दिखाई दे रहे हैं। बारिश में पाटे गए गड्ढे फिर से वैसी ही स्थिति में हो गए हैं। इसके कारण पुणेकरों को अपने लाडले बाप्पा का स्वागत इसी गड्ढों वाली सड़कों से गुजर कर करने की नौबत आ गई है।

    56 लाख रुपए का जुर्माना वसूला

    प्रति गड्ढे के लिए ठेकेदारों पर 5 हजार रुपए लगाने की घोषणा की गई थी। अब तक महानगरपालिका ने गड्ढों के लिए जिम्मेदार कंपनी और ठेकेदारों से 56 लाख रुपए का जुर्माना वसूला है। इसमें महानगरपालिका के ठेकेदारों से 6 लाख रुपए शामिल हैं, जबकि जलापूर्ति विभाग के ठेकेदारों से 14 लाख, बिजली कंपनी से 35 लाख, ड्रेनेज विभाग से 40 हजार कुल 56 लाख रुपए का जुर्माना वसूला है।

    सिंगल विंडो योजना के तहत गणेश मंडलों को अनुमति दी जा रही है, पर गणेशोत्सव के दौरान नागरिकों को गड्ढों और ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ रहा है। इस संबंध में महानगरपालिका और पुलिस प्रशासन द्वारा कोई योजना नहीं बनाई गई है। सड़कों पर गड्ढों की भरमार हैं।

    -उमेश वाघ, अध्यक्ष, अखिल जनवाडी गणेश मंडल