Sandeep Karnik

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नवभारत न्यूज नेटवर्क
मुंबई: मराठों के लिए ओबीसी कोटे से आरक्षण की मांग को लेकर मनोज जरांगे पाटिल के नेतृत्व में हुए आंदोलनों के दौरान राज्य के कुछ हिस्सों में हुए हिंसक प्रदर्शन के मामलों की जांच अब एसआईटी करेगी। विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के आदेश पर गठित एसआईटी को अगले तीन महीनों में मामले की जांच करके रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है। 26 फरवरी से 1 मार्च के दौरान हुए महाराष्ट्र विधानमंडल के अर्थसंकल्पीय अधिवेशन के दौरान मराठा आंदोलनकारी मनोज जरांगे पाटिल का मुद्दा छाया रहा। 
 
इस दौरान फडणवीस को लेकर जरांगे पाटिल के गंभीर आरोपों से नाराज बीजेपी विधायकों ने आंदोलन के लिए धन की आपूर्ति के स्रोत एवं आंदोलन के दौरान हुई हिंसा की जांच एसआईटी से कराने की मांग की थी। जिसके बाद नार्वेकर ने एसआईटी के गठन का आदेश दिया था। नार्वेकर के आदेश के मुताबिक अब राज्य सरकार ने नासिक के पुलिस कमिश्नर संदीप कर्णिक की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन कर दिया है, साथ ही इस कमेटी को तीन महीने में रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। बताया जा रहा है कि कर्णिक के अगुवाई वाली एसआईटी बताएगी मराठा आंदोलन के दौरान हुई हिंसक घटनाओं के पीछे कौन है? क्या सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की गई? क्या गलत सूचनाएं और अफवाहें फैलाई गई? एसआईटी को विशेषज्ञों को आमंत्रित करने और आवश्यक जनशक्ति नियुक्त करने का भी अधिकार दिया गया है। 
 

ओबीसी कोटे से ही आरक्षण लेंगे-मनोज जरांगे
एसआईटी के गठन से एक दिन पहले, ‘अभी भी समय नहीं बीता है, ऐसे शब्दों में मनोज जरांगे ने सरकार को चेताते हुए मराठा के बैनरों को हटाने से रोकने की मांग की थी। किट्टी अडगांव में एक बैठक के दौरान उन्होंने उपमुख्यमंत्री फडणवीस, मंत्री महाजन की आलोचना करने के साथ ही अपने उस प्रण को भी दोहराया था कि आरक्षण केवल ओबीसी से लेंगे। जब तक ओबीसी से ही आरक्षण नहीं दिया जाता, मराठा समुदाय पीछे नहीं हटेगा। आप झूठे मुकदमे दायर करें, लेकिन मराठों को ओबीसी से ही आरक्षण मिलेगा, मराठा समाज आपके द्वारा दिये गये दस प्रतिशत आरक्षण को भी स्वीकार नहीं करेगा।