Rajesh Narvekar
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    ठाणे : जिले के शहरी क्षेत्रों में सेवाओं के लिए विशेष अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध कराने के राज्य सरकार के लिए निवेदन किया गया था। जिसे राज्य सरकार ने मंजूर करते हुए 143 करोड़ रुपए की अतिरिक्त निधि (Additional Funds) मंजूर किया है। उक्त जानकारी देते जिला योजना समिति के सदस्य सचिव और जिलाधिकारी (District Magistrate) राजेश नार्वेकर (Rajesh Narvekar) ने कहा कि राज्य स्तरीय बैठक में ठाणे जिले के लिए स्वीकृत 475 करोड़ रुपये के परिव्यय में यह विशेष कोष जोड़ा गया है और अब जिले का कुल परिव्यय 618 करोड़ रुपये उपलब्ध होने वाला है।

    आपको बतादें कि जिला के पालकमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) की अध्यक्षता में 18 जनवरी को हुई जिला नियोजन समिति की बैठक में वर्ष 2022-23 की जिला वार्षिक योजना में सामान्य के लिए 395.81 करोड़, आदिवासी क्षेत्रों के लिए 73.44 करोड़ और समाज कल्याण विभाग की अनुसूचित जाति उपयोजनाओं के लिए 72 करोड़ की स्वीकृति दी गयी थी।उसके बाद, उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजित पवार की अध्यक्षता में 24 जनवरी 2022 को हुई राज्य स्तरीय योजना बैठक में ठाणे जिले के लिए 475 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई।

    अतिरिक्त धनराशि की मांग 

    जिला पालकमंत्री और शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे, गृह निर्माण मंत्री जितेंद्र आव्हाड और जिले के विधायकों ने ठाणे जिले में बढ़ते शहरीकरण को देखते हुए अतिरिक्त धनराशि की मांग की थी।ततपश्चात उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने राज्य स्तरीय बैठक में ठाणे जिले के लिए 475 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि आवंटन के फार्मूले के अनुसार स्वीकृत करने का निर्णय लिया था। उपमुख्यमंत्री पवार ने कहा था कि भविष्य में मुख्यमंत्री से चर्चा कर और राशि उपलब्ध कराने का निर्णय लिया जायेगा। 

    इस बीच, जिला नियोजन विभाग ने जिलाधिकारी को दिनांक 21 फरवरी, 2022 के पत्र में वर्ष 2022-23 के लिए जिला वार्षिक योजना की अंतिम रूपरेखा की जानकारी दी है। नार्वेकर ने कहा कि एमएमआर क्षेत्र में तेजी से हो रहे शहरीकरण को देखते हुए सभी नगर निगमों, नगर पालिकाओं, नगर पंचायतों को जिला वार्षिक योजना के तहत जिलों के शहरीकरण के अनुपात में विशेष आवंटन उपलब्ध कराया गया है। तदनुसार, ठाणे जिले के लिए राज्य स्तरीय बैठक में स्वीकृत 475 करोड़ रुपये के परिव्यय में से, शहरी क्षेत्र में सेवाओं के लिए 143 करोड़ रुपये का एक विशेष अतिरिक्त कोष प्राप्त हुआ।