अंबरनाथ की एमटीपीएफ कंपनी में बना विक्रांत युद्धपोत का सुरक्षा कवच

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    अंबरनाथ : भारतीय नौसेना (Indian Navy) के बेड़े में हाल ही में शामिल किए गए युद्धपोत (Warship) ‘विक्रांत’ (Vikrant) के रक्षा ‘कवच’ का निर्माण अंबरनाथ की मशीन टूल प्रोटोटाइप फैक्ट्री (Tool Prototype Factory) में किया गया है। ‘कवच’ एक एन्टी मिसाइल प्रणाली है जो विक्रांत युद्धपोत को मिसाइल हमले से बचाएगा। रक्षा मंत्रालय के अधीन आने वाली अंबरनाथ की मशीन टूल प्रोटोटाइप फैक्ट्री में इस प्रणाली का निर्माण किया गया है।

    देश के खिलाफ समुद्र से होने वाले हमलों को रोका जा सके और समान बल के साथ लौटाया जा सके, इसलिए युद्धपोत ‘विक्रांत’ को 2 सितंबर, 2022 को भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल किया गया था। पूरी तरह से भारतीय निर्मित इस युद्धपोत को कोचीन शिपयार्ड में बनाया गया है। हालांकि यह युद्धपोत देश की रक्षा करता है। लेकिन इस युद्धपोत की रक्षा भी बहुत महत्वपूर्ण मामला है। इसलिए दुश्मन की सेना अगर विक्रांत युद्धपोत पर मिसाइल दागती है तो इससे बचाने के लिए इस युद्धपोत पर एन्टी मिसाइल प्रणाली ‘कवच’ लगाई गई है। जब भी दुश्मन द्वारा विक्रांत पर मिसाइल दागी जाती है। तो कवच रडार के माध्यम से सतर्क हो जाता है और स्वचालित रूप से उससे मिसाइल दागता है। यह मिसाइल ‘विक्रांत’ से 3 से 5 किमी की दूरी पर दुश्मन की मिसाइल के सामने एक युद्धपोत खड़े होने का आभास कराएगी। जिससे दुश्मन की मिसाइल वहीं फट जाएगी और ‘विक्रांत’ की रक्षा होगी। विक्रांत पर 4 स्थानों पर स्थापित किए गए इस पूरे सिस्टम का निर्माण मशीन टूल प्रोटोटाइप फैक्ट्री में किया गया है। इसलिए देश के गौरव ‘विक्रांत’ पर अंबरनाथ की फैक्ट्री का सुरक्षा ‘कवच’ होना अंबरनाथकरों के लिए बड़े गर्व की बात है। मशीन टूल प्रोटोटाइप फैक्ट्री के प्रधान मुख्य प्रबंध प्रबंधक राजेश अग्रवाल ने भी कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है। 

    2006 से कवच एंटी मिसाइल सिस्टम का उत्पादन शुरू 

    अंबरनाथ की मशीन टूल प्रोटोटाइप फैक्ट्री भारतीय सेना के लिए वाहनों, उनके स्पेयर पार्ट्स, टैंक गियर बॉक्स, गन स्पेयर पार्ट्स जैसी तकनीकी वस्तुओं का निर्माण करती है। 2006 से इस फैक्ट्री में ‘कवच’ एंटी मिसाइल सिस्टम का उत्पादन शुरू हुआ। दिलचस्प बात यह है कि यह प्रणाली पूरी तरह से एमटीपीएफ कारखाने के अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा विकसित की गई है और इसमें किसी भी विदेशी तकनीशियन या तकनीक का इस्तेमाल नहीं किया गया है।  भारतीय नौसेना के विभिन्न युद्धपोतों पर अब तक 13 ऐसे ‘कवच’ एंटी-मिसाइल सिस्टम लगाए जा चुके है। लेकिन देश की शान ‘विक्रांत’ की रक्षा के लिए ‘कवच’ का प्रयोग निश्चित रूप से हर अंबरनाथकर के लिए गौरव का विषय बन गया है।