उल्हासनगर रेलवे स्टेशन के स्काईवॉक को मरम्मत की है जरूरत

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    उल्हासनगर : स्थानीय रेलवे स्टेशन (Railway Station) पर पैदल यात्रियों की सुविधा के मद्देनजर एमएमआरडीए (MMRDA) द्वारा बनाया गया स्काईवॉक (Skywalk) अर्थात पादचारी पुल महकमे की अनदेखी के कारण धीरे – धीरे खस्ताहाल होने लगा है। ऊक्त स्काईवॉक पर पिछले कुछ दिन पहले एक जगह की रैलिंग के टूट जाने से यहां से आवाजाही करने वाले सेंकडों लोगों के लिए खतरे की घंटी थी। स्काईवॉक की टूटी रेलिंग की जानकारी जब सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो उसको गंभीरता से लेते हुए शुक्रवार को शिवसेना के पूर्व नगरसेवक अरुण आशान ने बनवा दिया। 

    स्थानीय रेल और शहर के पैदल यात्रियों को पूर्व और पश्चिम से जोड़ने के लक्ष्य को लेकर ऊक्त स्काईवॉक का निर्माण साल 2008 में शुरू होकर 2010 के दौरान पूरा हुआ था, जिस पर महकमे ने 34 करोड़ खर्च किए थे। इन बारह सालों में पूल की मरम्मत न कराए जाने से यह काफी खराब हो गया है। गौशाला पुल के ठीक ऊपर की रैलिंग टूट गयी कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। इससे पहले ही स्काईवॉक की अनेक सीढ़ियां टूट चुकी है। टाइलें उखड़ चुकी है, अनेक जगह की सीढ़ियों का स्टील भी चोरी हो जाने से किसी बच्चे या बुजुर्गों का पैर भी इस सीढ़ी में फस सकता है। कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा स्काईवॉक की रेलिंग तोड़कर उसको भंगार वालों को बेचने की बात भी सामने आ चुकी है। स्काईवॉक पर सुरक्षा रक्षक तैनात नहीं होने की वजह से युवक युवतियों द्वारा रंगरेलियां मनाने का स्थान भी यह स्काईवॉक बन गया है। 

    ठेका रिन्यू न होने की वजह से स्कायवॉक की दुरावस्था हो रही

    एमएमआरडीए के एक अधिकारी ने बताया कि 2010 से लेकर 2015 तक इसके मेंटेनेंस के लिए एक निजी ठेकेदार को 5 साल के एग्रीमेंट के आधार पर देखरेख का ठेका दिया गया था, उसके बाद ठेका रिन्यू न होने की वजह से स्कायवॉक की दुरावस्था हो रही है। वालधुनी बिरादरी नामक एनजीओ के संस्थापक शशिकांत दायमा ने दुर्दशा के मुद्दे पर इस संवाददाटा को बताया कि वह संबंधित महकमे को ऊक्त समस्या से अवगत करा चुके है। वहीं उल्हासनगर महानगरपालिका की स्टैंडिंग कमेटी के पूर्व सभापति दीपक उर्फ टोनी शिरवानी ने कहा कि वह स्काईवॉक की दुर्दशा से क्षेत्रीय विधायक कुमार आयलानी के साथ मिलकर इसके निदान की कोशिश करेंगे।