भिवंडी-कल्याण-शिलफाटा मार्ग अवरूद्ध, मामला किसानों से जुड़ा

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    कल्याण : कल्याण-शीलफाटा मार्ग (Kalyan-Shilphata Marg) से प्रभावित किसानों (Farmers) ने नागपुर चलो (Nagpur Chalo) का नारा लगाया हैं और किसान अब नागपुर में धरना प्रदर्शन (Demonstration) करने जा रहे हैं। क्या नागपुर शीतकालीन सत्र में भी कल्याण- शीलफाटा सड़क के प्रभावितों के लिए मुआवजा कोष का प्रावधान होगा? कल्याण-शीलफाटा सड़क पीड़ितों ने ऐसा सवाल उठाया है कि क्या सड़क पीड़ितों के मुआवजे को लेकर नागपुर शीतकालीन सत्र में न्याय होगा। 

    कल्याण-शीलफाटा मार्ग पर कल्याण और शीलफाटा के बीच सड़क के किनारे बसे 15 गांवों में सड़क पीड़ितों को कुल आठ हेक्टेयर जमीन का मुआवजा नहीं मिलने के कारण पिछले चार साल से किसान सड़क जाम कर आंदोलन और फॉलोअप कर मुआवजे की मांग कर रहे हैं। कल्याण-शीलफाटा सड़क को पक्का  सीमेंटीकरण करने का काम लगभग 80 प्रतिशत पूरा हो गया है। इसे देखते हुए यहां के किसानों ने सड़क प्रभावित लोगों को कोई मुआवजा नहीं मिलने के बाद अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। कल्याण-शिलफाटा मार्ग के चौड़ीकरण के संबंध में गठित समिति की रिपोर्ट और राज्य सरकार को भुगतान सौंपे जाने के 54वें दिन सड़क से प्रभावित किसानों ने अपना विरोध अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया। 

    कल्याण-शीलफाटा सड़क में भूमि अधिग्रहण की संयुक्त गणना के अनुसार आठ हेक्टेयर भूमि का मुआवजा सड़क प्रभावित लोगों को देना अनिवार्य है। सरकार द्वारा गठित समिति की रिपोर्ट राज्य सरकार को स्थानीय सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे की सरकार द्वारा गठित समिति की रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी गई थी। सांसद श्रीकांत शिंदे और स्थानीय विधायक राजू पाटिल के हस्तक्षेप के कारण सड़क जाम करने वालों ने अपना अनिश्चितकालीन धरना अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया है। इस आंदोलन को स्थगित करते हुए पूर्व में यह भी ऐलान किया जा चुका है कि 31 दिसंबर 2022 तक मुआवजे की घोषणा नहीं हुई तो नए साल में फिर से आंदोलन शुरू किया जाएगा। लेकिन इस समय नागपुर में विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में हमें आशा है कि कल्याण-शिलफटा मार्ग के प्रभावित लोगों के लिए राशि उपलब्ध कराई जाएगी। ऐसा किसान प्रतिनिधि गजानन पाटिल ने व्यक्त किया है।