Bhiwandikar troubled by the smell of garbage, even after spending crores of rupees

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भिवंडी: पवित्र रमजान माह अवसर पर भी शहर में फैली चारों तरफ गंदगी से उठती दुर्गंध से लोग भारी परेशानी झेल रहे हैं। भिवंडी महानगरपालिका प्रशासन (Bhiwandi Municipal Administration) द्वारा स्वच्छता के लिए प्रतिमाह भारी-भरकम राशि खर्च करने के बावजूद भिवंडी शहर (Bhiwandi City) स्वच्छता से कई कदम दूर है। कचरा सफाई ठेकेदारों की लापरवाह कार्यप्रणाली की वजह से भिवंडी शहर के माथे पर लगा हुआ गंदगी का टीका मिटने का नाम नहीं ले रहा है। शहर में चारों ओर गंदगी का साम्राज्य फैला है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि महानगरपालिका प्रशासन सफाई ठेकेदारों की मनमानी, भ्रष्ट कार्यप्रणाली को जानते हुए भी आंखें बंद किए हुए है।

गौरतलब है कि रमजान के पवित्र माह में भी शहर में रास्तों के किनारे जगह-जगह कचरे का ढेर जमा है। महानगरपालिका के सफाईकर्मी और सफाई ठेकेदार अपनी मनमर्जी से सफाई कार्यों को अंजाम देते हैं। शहर के प्रमुख मार्ग भिवंडी-कल्याण मार्ग, एसटी स्टैंड से से बंजार पट्टी नाका, ताज मंजिल, म्हाडा कॉलोनी, तीन बत्ती, मंडई, सौदागर मोहल्ला,ईदगाह रोड,आजमी नगर,कोबड पाड़ा, बारिकिया कंपाउंड, भंडारी कंपाउंड, गौरीपाड़ा, कामतघर, ओसवाल पार्क, पद्मा नगर, नवी बस्ती, शांतिनगर, गुलजार नगर, खड़क रोड,खदान रोड, फेना गांव, आशीर्वाद नगर आदि रहिवासी क्षेत्रों में सड़क किनारे ही लोग कचरा डालते हैं, जिससे दुर्गंध फैलती रहती है। नागरिकों की बार-बार शिकायत के बाद भी सफाईकर्मी और कचरा उठाने वाले ठेकेदार कोई ध्यान नहीं देते हैं।

करोड़ों रुपए खर्च के बाद भी शहर बदसूरत

भिवंडी शहर की साफ-सफाई व्यवस्था के लिए जहां महानगरपालिका के सफाई कर्मियों की करीब 2,500 लोगों की भारी-भरकम फौज तैनात हैं, वहीं करीब डेढ़ करोड़ रुपए प्रतिमाह कचरा उठाकर डंपिंग ग्राउंड तक ले जाने के लिए कचरा ठेकेदार की नियुक्ति की गई हैं। नागरिकों का आरोप है कि महानगरपालिका सफाईकर्मी तो जैसे-तैसे सफाई कार्य को अंजाम देते हैं, बावजूद कचरा उठाने वाले ठेकेदार प्रतिदिन कचरे को नहीं उठाते हुए तीन-चार दिनों में कचरे को उठाकर डंपिंग ग्राउंड ले जाते हैं। महानगरपालिका द्वारा तय स्थानों पर नागरिकों द्वारा डाला गया कचरा तीन-चार दिन तक पड़ा रहता है। कचरे की दुर्गंध से लोग भारी परेशानी झेलते हैं। सड़क के किनारे पर पड़े कचरे के पास से गुजरते हुए भारी दुर्गंध की वजह से लोगों को मुंह पर रुमाल बांधना पड़ता हैं।

सार्वजनिक स्थल पर कचरा डंपिंग स्पॉट होने से मुसीबत

आश्चर्यजनक तथ्य है कि महानगरपालिका आरोग्य विभाग द्वारा नागरिकों के लिए कचरा डालने के लिए कई सार्वजनिक स्थान चिन्हित किए गए हैं जो स्वास्थ्य की दृष्टि से नितांत गलत है। मंडई स्थित जैन मंदिर के सामने, बंजार पट्टी नाका स्थित ताज मंजिल की दीवाल के पास, अप्सरा टॉकीज के सामने स्थित ब्रिज के नीचे मस्जिद के सामने जैसी मुख्य जगहों पर नागरिकों को कचरा डालने की छूट दी गई हैं। शहर में गंदगी का आलम यह है कि मंदिर, मस्जिद, घर,स्कूल से गुजरने वाले तमाम लोग कचरे की दुर्गंध से भारी परेशानी झेलते हैं। कचरे की दुर्गंध से लोग संक्रामक बीमारियों का शिकार होते हैं। भिवंडी में कचरे की दुर्गंध से लोगों को स्वच्छ हवा भी नसीब नहीं होती है। गंदगी की वजह से सांस से कार्बन ऑक्साइड गैस पेट में जाकर घातक बीमारियों को बढ़ावा देती है।

जनप्रतिनिधि न होने से अधिकारियों के हौसले बुलंद

भिवंडी महानगरपालिका में करीब नौ माह से प्रशासक राज है।साफ-सफाई कार्यों का नित्य चुने हुए जनप्रतिनिधि अपने अपने क्षेत्रों का खासा ध्यान रखे थे। करीब नौ माह से भिवंडी महानगरपालिका जनप्रतिनिधि विहीन होने की वजह से साफ सफाई कर्मियों और ठेकेदारों पर जनप्रतिनिधियों का कोई अंकुश नहीं है। लोगों का आरोप है कि महानगरपालिका प्रशासन के अधिकारी सफाई ठेकेदार से सांठगांठ कर अपनी जेब भरने में जुटे हैं। सफाई ठेकेदार बगैर सफाई किए भी फर्जी बिल बनाकर अधिकारियों की जेब गर्म कर लोगों के टैक्स का करोड़ों रुपए डकार रहा है। करोड़ों रुपए खर्च के बाद भी शहर में चारों ओर गंदगी का साम्राज्य व्याप्त है।

सफाई कार्यों पर ध्यान दिया जा रहा है। सफाई कार्यों में लापरवाही बरतने वाले महानगरपालिका सफाई कर्मियों और ठेकेदारों पर सख्त कार्रवाई होगी।

-दीपक झिंझाड़, आरोग्य उपायुक्त, भिवंडी महानगरपालिका