‘चिकनी मिट्टी’ का फिर मूर्ति बनाने के लिए होगा उपयोग

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    ठाणे : पर्यावरण को संतुलित रखने के लिए सरकार ने अगले वर्ष से पीओपी (POP) बने मूर्तियों (Statues) पाबंदी लगा दिया है। ऐसे में अब आगे से सिर्फ चिकनी मिट्टियों (Clay) से ही गणपति की मूर्तियां बनाई जा सकती है। लेकिन चिकनी मिट्टी की मात्रा भी सीमित हैं। इसलिए चिकनी मिट्टी को बचाने के लिए ठाणे में निजी संस्था द्वारा ‘पुनरावर्तन’ उपक्रम चलाया जा रहा हैं। जिसके तहत गणेश भक्तों के पास बची मिट्टी लेकर उसी मिट्टी को पुनः मूर्तिकारों को सौंप दिया जाएगा। इससे पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुंचेगा और मूर्तिकारों को नई मिट्टी भी नहीं लानी होगी। 

    चिकनी मिट्टी अर्थात शाडू की मिटटी को पर्यावरण का ही एक भाग माना जाता हैं। पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए इस मिट्टी का महत्वपूर्ण योगदान होता हैं। त्यौहारों के दौरान पर्यावरण को बचाने के लिए प्लास्टर ऑफ पेरिस की जगह भक्त चिकनी मिट्टी की मूर्तियों का इस्तेमाल करते हैं। वर्तमान में ठाणे जिला सहित महाराष्ट्र राज्य में बप्पा को विराजमान हुए दो दिन हो चुके है। डेढ़ दिन के बप्पा ने अपने भक्तों से विदा लेकर अगले वर्ष पुनः आने का आशिर्वाद भी दे दिया है। पर्यावरणभिमुख गणेश उत्सव मनाने वाले गणेश भक्तों ने घर पर या अपनी सोसायटी परिसर में बप्पा का विसर्जन किया। विसर्जन के बाद बची हुई मिट्टी को एकत्र करने का जिम्मा एमईई नाम की निजी संस्था ने उठाया है। संस्था द्वारा ठाणे शहर में 4 मिट्टी संकलन केंद्र शुरू किया है जहां भक्त विसर्जन के बाद बची हुई मिट्टी दे सकते हैं। 

    इन जगहों पर बनाए गए संकलन केंद्र 

    एमईई संस्था की संचालिका लता मेनन का कहना है कि इस मिट्टी की मात्रा सिमित है। ऐसे में अगले साल फिर इसी मिटटी का उपयोग गणपति बनाने में हो सके इसलिए उनकी संस्था की शहर के चार जगहों पर क्रमशः 1001, नक्षत्र रेसीडेंसी, उदयनगर, पाचपाखाडी, 103, टॉवर ए, व्हीराज गार्डन व्हॅली, कोलशेत रोड, 604 ए, रोझवुड, प्रेस्टीज रेसिडेन्सी, घोडबंर रोड, एव्हरेस्ट वर्ल्ड सर्कल, ढोकाळी पाडा, ढोकाली इन चारा जगहों पर मिट्टी स्वीकार केंद्र शुरू किये गए है।  जोकि 5 सितंबर से 12 सितंबर तक गणेश भक्त मिट्टी का दान कर सकते है। 

    ठाणे के तालाब हैं सुरक्षित!

    ठाणे महानगरपालिका द्वारा तालाबों को प्रदूषित होने से बचाने के लिए ठाणे महानगरपालिका ने सभी विसर्जन स्थल, स्वीकृति केंद्रसहित अन्य जगहों पर निर्माल्य संकलन केंद्र शुरू किया था। डेढ़ दिन के बप्पा की विदाई के बाद ठाणे महानगरपालिका द्वारा कुल 10 टन निर्माल्य जमा किया गया है।