केडीएमसी क्षेत्र में कचरे और मलबे से भरे पड़े है नाले

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    ठाणे : डोंबिवली महानगरपालिका क्षेत्र (Dombivli Municipal Corporation Area) में नाले कचरे (Drain Waste) और मलबे (Debris) से भरे पड़े है। मानसून (Monsoon) आने मे करीब एक ही महीना बचा हुआ है। जिसको देखते हुए युवसेना (Yuvsena) ने बरसात से पहले नालों की सफाई कराने की मांग की है। कल्याण पश्चिम विधानसभा युवासेना संयोजक प्रतीक पेनकर (Prateek Penkar) ने इस संबंध में कमिश्नर (Commissioner) को पत्र दिया है। कल्याण पश्चिम में सर्वोदय मॉल के पास वाया भानुनगर जरीमरी नाला को साफ करने और मानसून से पहले बैल बाजार, जोशी बाग, चिखले बाग के क्षेत्रों में खतरनाक पेड़ों को छाटने की भी मांग की गई है। 

    भारी बारिश के कारण  बाढ़ जैसे हालात बन जाते हैं 

    मानसून के मौसम में अत्यधिक वर्षा के कारण कल्याण के पश्चिमी क्षेत्र में बाढ़ जैसे हालात बन जाते हैं, पिछले सालों में कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बनते रहे हैं। उपरोक्त प्रमुख नालों और उनसे जुड़े छोटे नालों में जल निकासी लाइनों की विस्तृत श्रृंखला के कारण, मानसून से पहले समय पर नालों को साफ करने का निर्णय लेना अनिवार्य है। हर बार मानसून के दौरान, भारी बारिश के कारण बैल बाजार, शिवाजी चौक, लक्ष्मी मार्केट, जोशीबाग, चिखलेबाग, वालधुनी और अन्य आवासीय क्षेत्रों में लोगों के जीवन को बाधित और प्रभावित करती है। इसलिए युवासेना ने बारिश से पहले नालों को साफ करने की मांग की है। 

    कई समस्याएं होती हैं 

    इसी तरह बरसात के मौसम में कई जगहों पर भारी बारिश और तेज हवाओं के कारण खतरनाक पुराने पेड़ क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। बिजली लाइनों के पास पुरानी पेड़ की शाखाओं के टूटने और बिजली आपूर्ति बाधित होने से कई समस्याएं पैदा होती हैं। मानसून के दौरान कई आवासीय क्षेत्रों और सड़क किनारे पेड़ों के उखड़ने से जानमाल के नुकसान और आर्थिक नुकसान की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। ऐहतियात के तौर पर बैललबाजार, जोशीबाग, चिखले बाग क्षेत्र के रिहायशी इलाके और सड़क के पास पुराने और खतरनाक पेड़ों की समय से छंटाई करना जरूरी है। इसलिए, बरसात के मौसम से पहले एहतियाती उपाय के रूप में, खतरनाक पेड़ों का निरीक्षण किया जाना चाहिए और तुरंत छांट दिया जाना चाहिए ऐसी मांग युवसेना के प्रतीक पेनकर ने महानगरपालिका कमिश्नर डॉ. विजय सूर्यवंशी (Municipal Commissioner Dr. Vijay Suryavanshi) से एक ज्ञापन द्वारा की हैं।