Greenery returning to Mumbai from 'Miyawaki', dense forest ready at 24 places
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    ठाणे : शहर में बढ़ते शहरीकरण के साथ ही पर्यावरण (Environment) की रक्षा और संरक्षण के लिए ठाणे में पहला मियावाकी जंगल (Miyawaki Forest) जहां कम जगह में अधिक पौधे लगाए जा सकते हैं, शहर के विभिन्न स्थानों पर स्थापित किए जाएंगे। यह कार्य पर्यावरण हितैषी कार्य करने वाली संस्था ग्रीन यात्रा के माध्यम से किया जायेगा और प्रारम्भिक रूप में 3 हजार वर्ग कि.मी. के क्षेत्र में यह जंगल निर्माण किया जाएगा। उक्त जानकारी महानगरपालिका कमिश्नर अभिजीत बांगर (Municipal Commissioner Abhijit Bangar) ने दी। 

    ठाणे महानगरपालिका द्वारा चलाये जा रहे स्वच्छता पर सौंदर्यीकरण अभियान के साथ ही शहर में हरित पट्टी बनाने की पहल की जा रही है। कोपरखैरने में नेचर पार्क, ज्वेल ऑफ नवी मुंबई, इस प्रकार का शहरी वन स्थापित किया गया है। जो निश्चित रूप से पर्यावरण को लाभ पहुंचा रहा है। इसी तर्ज पर मंगलवार को ठाणे शहर में ऐसा जंगल बनाने के लिए ग्रीन यात्रा नामक संस्था के साथ कमिश्नर अभिजीत बांगर ने बैठक की। इस बैठक में उद्यान विभाग के पदाधिकारी और ग्रीन यात्रा संस्था के पदाधिकारी उपस्थित थे। 

    महानगरपालिका कमिश्नर बांगर ने कहा कि ठाणे शहर को येऊर जैसी जैव विविधता से समृद्ध भूमि का आशीर्वाद प्राप्त है। लेकिन बढ़ते शहरीकरण के कारण शहर के भीतर पेड़ों की संख्या दिन-ब-दिन कम होती जा रही है। इसके विकल्प के तौर पर मियावाकी जंगल बनाया जाएगा है ताकि कम जगह में ज्यादा से ज्यादा वनरोपण किया जा सके और इससे बढ़ते शहरीकरण के साथ-साथ पर्यावरण का संतुलन भी बना रहेगा। 

    कुल आठ स्थलों की गई पहचान 

    ऐसे वनों के निर्माण के लिए कुल आठ स्थानों की पहचान की गई है। इसमें मुल्लाबाग स्थित निसर्ग उद्यान में 8000 वर्ग मीटर, मोघरपाड़ा में दुभाजक में 5000 वर्ग मीटर, मोघरपाड़ा आरक्षित खुला प्लॉट ए में 7300 वर्ग मीटर, प्लॉट बी में 1500 वर्ग मीटर, कोपरी में 4700 वर्ग मीटर का भूखंड चिन्हित किया गया है।  साथ ही नागला बंदर में कुल 7.6 एकड़, 1 हजार वर्ग मीटर और पारसिक विसर्जन घाट के पास 3 हजार वर्ग मीटर भूमि का चयन किया गया है। कमिश्नर बांगर ने कहा कि सीएसआर फंड से मियावाकी जंगल का निर्माण होगा और महानगरपालिका पर किसी तरह का आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा। साथ ही तीन साल तक पौधारोपण और रखरखाव का खर्च भी संस्था वहन करेगी।  

    हालांकि वर्तमान में स्थान सीमित है, मियावाकी पेड़ लगाने की एक विधि है जहाँ एक छोटी सी जगह में एक जंगल बनाया जा सकता है। छोटी सी जगह में जहां 6 चौपहिया वाहन खड़े हों वहां 300 अलग-अलग तरह के पेड़ लगाए जा सकते हैं। हमारे शहर में इतना छोटा जंगल बनाने की पहल ‘ग्रीन यात्रा’ नाम की एक पर्यावरण संस्था ने की है। महानगरपालिका कमिश्नर अभिजीत बांगर ने मनपा क्षेत्र में वाटर फ्रंट डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत विकसित क्षेत्र में मियावाकी शैली में पौधे लगाने का भी प्रयास के तहत काम करने का निर्देश वृक्ष प्राधिकरण विभाग को दिए। उन्होंने कहा कि इसमें हीरानंदानी गार्डन, वाघबील, सेंट्रल पार्क आदि विभागों को इसमें शामिल किया जाए।