Uddhav government's Mumbai Metro services started on Gudi Padwa, technical problem caused problems to passengers

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    ठाणे : डेढ़ साल के कोरोना संकट के कारण रुके हुए मेट्रो (Metro) के कामों को धीरे-धीरे गति मिल रही है, लेकिन परियोजना को पूरा करने में अभी भी सामने कई बाधाएं हैं। हालांकि राज्य सरकार (State Govt) वडाला-घाटकोपर-ठाणे-कासारवडवली-गायमुख मेट्रो 4 (Metro 4) और मेट्रो 4-ए (Metro 4-A) परियोजनाओं के लिए माध्यमिक ऋण के रूप में धन जुटा रही है, लेकिन परियोजना में देरी के कारण परियोजना लागत में वृद्धि हो रहा है। जिससे प्रशासन की चिंता बढ़ गई है। 

    मेट्रो 4 परियोजना के लिए नियुक्त सलाहकारों पर व्यय 283 करोड़ 21 लाख से 33.94 प्रतिशत बढ़कर 379 करोड़ 32 लाख हो गया है। इसके अलावा मई, 2022 की परियोजना सलाहकार की समय सीमा को भी 33 महीने बढ़ाकर फरवरी, 2025 कर दिया गया है। दरअसल, यह समय सीमा सलाहकारों द्वारा मार्च 2026 तक मांगी गई थी। जिसके कारण, निर्धारित समय के भीतर परियोजना के पूरा होने को लेकर प्रश्न खड़ा होने लगा है। 

    वहीं 25 अक्टूबर 2016 को राज्य मंत्रिमंडल द्वारा 14 हजार 549 करोड़ की लागत वाली मेट्रो 4 परियोजना के कार्यों को 27 सितंबर 2016 को स्वीकृत करने के बाद सरकार ने यह निर्णय लिया। जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 14 दिसंबर 2016 को इस प्रकल्प का भूमिपूजन किया गया था। इस प्रकल्प के लिए 283 करोड़ 21 लाख रुपए की देकर 54 महीने के लिए मेट्रो परियोजना के लिए सलाहकार नियुक्त किया। पहले यह प्रकल्प कासारवडवली तक ही नियोजन किया गया था लेकिन बाद में इस परियोजना का विस्तार कर इसे गायमुख तक बढ़ा दिया गया। इस परियोजना के धीमी गति से शुरू होने की बात को खुद एमएमआरडीए आयुक्त ने एमएमआरडीए के कार्यकारी समिति की बैठक में पिछले दो वर्षों में परियोजना कार्यों में देरी होने की बात को स्वीकार किया गया है। 

    केवल 38 प्रतिशत हुआ काम 

    मुंबई के चेंबूर स्थित अमर महल से घाटकोपर-विक्रोली-मुलुंड-ठाणे-कसारवडवली-गायमुख तक 35.38 किमी लंबी मेट्रो 4 और 4 ए वडाला से शुरू होती हैं।  इसमें 32 मेट्रो स्टेशन शामिल हैं। घोडबंदर रोड स्थित मोगरपाड़ा में एक मेट्रो डिपो की योजना है और इसके लिए जाने वाले 1.5 किमी लंबे मार्ग को मेट्रो 4 मार्गों में शामिल किया गया है। मेट्रो 4 के सलाहकार को मेट्रो 4 ए की जिम्मेदारी दी गई है और इसके लिए 20 करोड़ 4 लाख की राशि दी गई है।एमएमआरडीए की अगस्त में हुई बैठक में दावा किया गया है कि इस रूट का करीब 38 फीसदी काम पूरा हो चुका है।