सांसद श्रीकांत शिंदे ने MVA पर लगाया गंभीर आरोप, कहा-पार्टी को देखकर बांटा जाता था निधि

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    ठाणे: शिवसेना (Shiv Sena) सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे (MP Shrikant Shinde) ने महाविकास आघाड़ी सरकार (Maha Vikas Aghadi Govt.) के कार्यप्रणाली को लेकर जम कर हमला बोला। उन्होंने कहा कि आघाड़ी सरकार में पार्टी को देखकर निधि (Funds) का वितरण किया जाता था। यह उन्हें शिवसंपर्क अभियान के दौरान कई विधायकों के शिकायत द्वारा पता चला। यही कारण है कि पिछले ढाई साल में असंतोष बढ़ा है। एमपी श्रीकांत शिंदे ने कहा कि शिवसेना में इतना असंतोष इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ।

    शिवसेना के बागी नेता और राज्य के शहर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे के विद्रोह के बाद उनके समर्थकों ने शनिवार को ठाणे में शिंदे के आवास के बाहर शक्ति प्रदर्शन किया। इस दौरान करीब एक हजार से अभी शिंदे समर्थक शिवसैनिक मौजूद थे। इस दौरान संबोधित करते हुए श्रीकांत शिंदे ने महाविकास आघाड़ी की कड़ी आलोचना की। श्रीकांत शिंदे ने कहा कि पालकमंत्री शिंदे ने न केवल ठाणे जिले में, बल्कि महाराष्ट्र में भी काम किया। इसलिए उन्हें एक-दो नहीं बल्कि 50 से भी अधिक विधायकों का समर्थन मिला है। शिंदे के नेतृत्व में विश्वास रखते हुए शिवसेना के विधायकों ने उनका साथ दिया है। उनके साथ अन्य निर्दलीय विधायक भी हैं। 

    सीएम उद्धव ठाकरे पर साधा निशाना

    उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के ऊपर भी हमला बोलते हुए कहा कि जब वह सत्ता में आए तो सभी को उम्मीदें थीं, लेकिन वे मुख्यमंत्री के रूप में लोगों के अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतर पाए। शिवसेना पिछले ढाई साल से महाविकास गठबंधन में उलझी हुई है। विधायकों के निर्वाचन क्षेत्र में विकास काम नहीं हो रहा था और उनकी तरफ से यह बात मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाया गया था और मांग की गई थी कि शिवसेना पार्टी को महाविकास आघाड़ी के गठबंधन छोड़ देना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उल्टा निधि का वितरण राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायकों को अधिक दिया गया है और शिवसेना के विधायकों को अंतिम पंक्ति में खड़ा कर दिया गया। जहां भी शिवसेना के अधिक विधायक हैं, वहां पर एनसीपी ने अपना पालकमंत्री बनाया और इन लोगों ने शिवसेना विधायक का फंड को डायवर्ट कर अपने लिए उपयोग में लाया गया। 

    तोड़फोड़ की राजनीति बर्दाश्त नहीं

    एमपी डॉ. श्रीकांत शिंदे ने आरोप लगाया कि सातारा में चीनी की फैक्ट्रियां ज्यादा है, यहां एनसीपी का दबदबा है। इसलिए यहां गन्ना बेचने के लिए जाने से पहले, पार्टी से पूछा जाता है और यदि वह शिवसेना पार्टी का निकला तो उसे कतार की अंतिम छोर में खड़ा कर दिया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों कांग्रेस पार्टियां शिवसेना पार्टी को खत्म करने पर तुली थी। डॉ. श्रीकांत शिंदे ने चेतावनी देते हुए कहा कि हम एकनाथ शिंदे के और आनंद दिघे शिव सैनिक हैं, हम अब तक शांत हैं, लेकिन हमें भड़काने का काम न किया जाए अन्यथा भारी पड़ेगा। 

    हम आज भी शिवसैनिक: नरेश म्हस्के 

    ठाणे के शिवसेना प्रमुख और पूर्व महापौर नरेश म्हस्के ने कहा कि राज्य में जहां शिवसेना के विधायकों के साथ जहां अन्याय हो रहा है वहीं ठाणे में जिले के पालकमंत्री मंत्री एकनाथ शिंदे ने किसी के साथ अन्याय नहीं होने दिया। उन्होंने जिले में विकास कार्यों के लिए धन मुहैया कराया। उन्होंने हमेशा पार्टी के विकास के बारे में सोचा, इसलिए उन्होंने जो किया वह सही था। साथ म्हस्के ने यह भी दावा किया कि हम आज भी शिव सैनिक हैं, हम शिवसेना में हैं। उन्होंने दावा किया कि ठाणे महानगरपालिका के सभी 67 पूर्व नगरसेवक पालकमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ हैं। धर्मवीर आनंद दिघे के बाद, नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे ने ठाणे जिले में शिवसेना की कमान संभाली, इसलिए हम एकनाथ शिंदे के साथ हैं। उन्होंने कहा कि हम आज भी शिवसेना में हैं और हम शिवसेना में ही रहेंगे। साथ ही म्हस्के ने ठाणे एनसीपी पर भी हमला बोलते हुए कहा कि शिवसेना के कई विकास कार्यों में रोड़ा डालने का काम एनसीपी का स्थानीय नेतृत्व ने किया। चाहे वह कोविडकाल में नागरिकों को वैक्सीन देने का मामला हो या फिर अन्य प्रकरण हो हमेशा एनसीपी ने ठाणे में शिवसेना को दबाने और विरोध करने का काम किया।