Water Cut in Mumbai
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नवी मुंबई: मौसम विभाग द्वारा बताया गया है कि इस बार मानसून (Monsoon) देरी (Delay) से आएगा। मौसम विभाग के इसी अनुमान के चलते नवी मुंबई महानगरपालिका (NMMC) ने जलापूर्ति में कटौती (Cut Off Water Supply) करने का निर्णय लिया है। महानगरपालिका के जल विभाग के अनुसार, नवी मुंबई महानगरपालिका की मोरबे डैम (Morbe Dam) में 37.94 प्रतिशत पानी शेष बचा है। इस बचे पानी से सिर्फ अगस्त महीने तक ही जलापूर्ति की जा सकती है। यदि मानसून आने में देर हो जाती है तो नवी मुंबई (Navi Mumbai ) के नागरिकों को पेयजल संकट का सामना न करना पड़े इसके लिए पानी की कटौती शुरू की गयी है। 

महानगरपालिका के जल विभाग का कहना है कि पिछले साल भी अनुमान से कम बरसात हुई थी, जिसकी वजह से मोरबे डैम पूरी तरह से भर नहीं पाया था और इस बार भी मौसम विभाग ने देर से मानसून आने के अनुमान लगाया है। जिसके चलते जलापूर्ति विभाग ने नोड के आधार पर सप्ताह में एक पानी कटौती की योजना बनाई हैं। अधिकारीयों का कहना है कि इससे प्रतिदिन 25 एमएलडी पानी की बचत प्रतिदिन हो रही हैं। 

पेयजल संकट को कम करने की कवायद

गौरतलब है कि जिस तरीके से शहर की आबादी बढ़ रही है उसी तरह पेयजल की मांग भी बढ़ रही है, लेकिन जलापूर्ति का संसाधन पहले जैसे ही है। महानगरपालिका के अधिकारियों का कहना है कि फ़िलहाल नवी मुंबई महानगरपालिका के पास 95 दिन का पानी शेष बचा हुआ है। महानगरपालिका का कहना है कि लोगों को पेयजल संकट का सामना न करना पड़े इसके लिए नागरिकों को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी अनावश्यक तरीके से पानी की होने वाली बर्बादी को रोकना पड़ेगा। मिली जानकारी के अनुसार, वर्ष 2021-2022 में मोरबे डैम में 4  हजार 229 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गयी थी, लेकिन 2022-2023 में सिर्फ 3 हजार 572 मिलीमीटर बरसात हुई थी। इस डैम से प्रतिदिन 480 एमएलडी पानी की सप्लाई प्रतिदिन की जाती हैं। 

मोरबे डैम से कामोठे में भी की जाती है जलापूर्ति 

नवी मुंबई महानगरपालिका क्षेत्र के अलावा इसी मोरबे डैम से कामोठे में जलापूर्ति की जाती है, इसके साथ ही मोरबे परिसर के आसपास के सात गांवों में इसी डैम से जलापूर्ति की जाती हैं। 

शहर में जिस तरह से पानी कटौती करने की योजना बनाई गयी हैं, उससे 25 एमएलडी प्रतिदिन पानी की बचत हो रही है। इसी वजह से लोगों को ज्यादा दिनों तक पानी मिल सकेगा। नागरिकों को भी पानी का उपयोग सही तरीके से करने की जरूरत है।

-अरविंद शिंदे, कार्यकारी अभियंता नवी मुंबई महानगरपालिका