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    नवी मुंबई: महानगरपालिका क्षेत्र में रहने वाले दिव्यांग व्यक्तियों की वास्तविक संख्या जानने के लिए वर्तमान में नवी मुंबई महानगरपालिका (Navi Mumbai Municipal Corporation)  के ईटीसी केंद्र (ETC Centre) के माध्यम से ‘सीकर’ नामक एक पोर्टल (Sikar Portal) चल रहा है, जिस पर दिव्यांग व्यक्ति अपना नाम और विकलांगता का प्रकार दर्ज कर सकते हैं। इसके साथ ही महानगरपालिका कमिश्नर ने दिव्यांगों की सर्वेक्षण-2 और तरीकों शुरू करने का निर्देश महानगरपालिका के संबंधित विभाग को दिया है। जिसके तहत महानगरपालिका क्षेत्र के स्कूलों में आवेदन पत्र वितरित करके और मोबाइल आधारित एप के माध्यम से सर्वेक्षण करने का काम शीघ्र शुरू करने का आदेश दिया है।

    गौरतलब है कि साल 2010 में नवी मुंबई महानगरपालिका द्वारा दिव्यांगों का सर्वेक्षण कराया गया था। जिसके आधार पर महानगरपालिका ने दिव्यांगों की शिक्षा, प्रशिक्षण और रोजगार से संबंधित विभिन्न योजनाओं को शुरू किया था, जो अब भी जारी है। जिसकी जानकारी लेने के लिए महानगरपालिका कमिश्नर राजेश नार्वेकर ने वाशी स्थित महानगरपालिका के दिव्यांग शिक्षा प्रशिक्षण केंद्र (ईटीसी) का दौरा किया। इस दौरान महानगरपालिका कमिश्नर ने केंद्र की विभिन्न कक्षों में जाकर वहां चल रही शिक्षा व्यवस्था का निरीक्षण किया और वहां उपस्थित अभिभावकों से बातचीत कर उनके विचार भी जानें। इस अवसर पर महानगरपालिका के अतिरिक्त कमिश्नर संजय काकड़े, शहर अभियंता संजय देसाई और ईटीसी सेंटर के विभाग प्रमुख दादासाहेब चाबुकस्वार, कार्यकारी अभियंता सुनील लाड आदि मौजूद थे।

    दिव्यांगों को आत्मनिर्भर बनाने पर जोर

    महानगरपालिका कमिश्नर नार्वेकर ने विभिन्न विकल्पों पर विचार करते हुए निशक्त दिव्यांग छात्रों के अभिभावकों को केंद्र में आने-जाने के लिए जल्द से जल्द यह सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश संबंधित विभाग को दिया। वर्तमान में नवी मुंबई में यह देखने में आया है कि नि:शक्त छात्रों की संख्या बढ़ रही है और महानगरपालिका के ईटीसी केंद्र की क्षमता सीमित है। इस बात को ध्यान में रखते हुए महानगरपालिका कमिश्नर ने निजी विद्यालयों को अनुदान की कुछ राशि देकर मदद करने के विकल्प पर भी विचार करने का निर्देश दिया। अधिक से अधिक दिव्यांग बच्चे शिक्षा प्राप्त कर अपने पैरों पर खड़े हो सकें।

    खेल परिसर बनाने का निर्देश

    खेलों के माध्यम से दिव्यांगों का विकास तेजी से हो सकता है और उनमें जन्मजात खेल गुणों को भी बढ़ावा मिल सकता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए महानगरपालिका कमिश्नर ने महानगरपालिका के इंजीनियरिंग विभाग को दिव्यांग लोगों के लिए अच्छी गुणवत्ता वाले खेल परिसर बनाने का निर्देश दिया है। कमिश्नर ने कहा कि विगत 16 साल में ईटीसी केंद्र से कई दिव्यांग छात्र-छात्राओं ने आगे बढ़कर विभिन्न क्षेत्रों में कुशलतापूर्वक कार्य किया है, ताकि नए छात्रों के सामने अपना रोल मॉडल रख सकें, ईटीसी से आने-जाने वाले छात्रों की भविष्य की प्रगति केंद्र के माध्यम से केंद्र की निगरानी भी की जाए ताकि ऐसे बच्चों की सफलता की कहानी अन्य बच्चों को भी दिखाई दे सके, जिससे उन्हें प्रेरणा मिल सके।

    ईटीसी केंद्र के माध्यम से दिव्यांगों को स्नेह का हाथ देकर उनके प्रति सहानुभूति के साथ-साथ उनके सशक्तिकरण का अति महत्वपूर्ण कार्य किया जा रहा है। महानगरपालिका क्षेत्र में रहने वाला कोई भी दिव्यांग महानगरपालिका की योजनाओं से वंचित नहीं हो, इसके लिए दिव्यांगों का नए सिरे से सर्वेक्षण किया जा रहा है।

    -राजेश नार्वेकर, कमिश्नर,नवी मुंबई महानगरपालिका