स्वाइन फ्लू को लेकर ठाणे महानगरपालिका अलर्ट

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    ठाणे : वैश्विक कोरोना महामारी (Global Corona Pandemic) के बाद अब स्वाइन फ्लू (Swine Flu) की बीमारी (Disease) ठाणे शहर में तेजी से बढ़ रही है। ठाणे शहर में स्वाइन फ्लू के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए महानगरपालिका अलर्ट (Alert) हो चुकी है। महानगरपालिका स्वास्थ्य विभाग द्वारा ठाणे शहर में जांच बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। ठाणे शहर में माजीवाड़ा स्थित पोस्ट-कोविड केंद्र और महानगरपालिका के सभी 28 स्वास्थ्य केंद्रों पर नि:शुल्क स्वाइन फ्लू परीक्षण किया जाएगा। इसके अलावा ठाणे में 11 पेड अर्थात निजी सेंटर हैं। यहां इस टेस्ट के लिए ढाई से चार हजार रुपए जांच के लिए देने पड़ेंगे।

    जुलाई में शुरू बरसात के बाद ठाणे शहर में स्वाइन फ्लू का खतरा बढ़ता जा रहा है। एक महीने के भीतर महानगरपालिका क्षेत्र में स्वाइन फ्लू के 59 मामले मिले। इनमें से 35 ठीक हो चुके हैं। तीन लोगों की मौत अब तक हो चुकी है। अब तक जिस क्षेत्र में मरीज मिले हैं वहां के हजारों घरों का महानगरपालिका के स्वास्थ्य विभाग और जिला परिषद के माध्यम से सर्वे किया जा रहा है। वर्तमान में यह परीक्षण सरकारी कस्तूरबा अस्पताल में नि:शुल्क किया जा रहा है। निजी अस्पतालों में स्वाइन फ्लू जांच के लिए 2500 से 4000 रूप्य लिए जाते हैं। इसके अलावा, महानगरपालिका अस्पताल में भी परीक्षण दर लगभग 1000 रुपए थी। कई बार लक्षण दिखने के बाद भी पैसे बचाने के लिए लोग जांच नहीं करवाते इसलिए स्वाइन फ्लू के संक्रमण का खतरा बढ़ने के साथ ही महानगरपालिका ने नागरिकों की नि:शुल्क जांच शुरू करने का फैसला किया है। महानगरपालिका के स्वास्थ्य विभाग के उपायुक्त मनीष जोशी ने बताया कि महानगरपालिका कमिश्नर डॉ. विपिन शर्मा के आदेशानुसार माजीवाड़ा क्षेत्र के ‘पोस्ट कोविड सेंटर’ में दो दिन में यह केंद्र शुरू कर दिया जाएगा। साथ ही, इस परीक्षण के लिए संबंधित चिकित्सक की लिखित सिफारिश की आवश्यकता होगी। 

    स्कुल प्रशासन भी बरतें सावधानी 

    उपायुक्त जोशी ने कहा कि यह एक संक्रामक बीमारी है जो कि एक दूसरे के संपर्क, छींक, सर्दी और अन्य कारणों से फैलती है। इसलिए स्कुल प्रशासन भी इस बीमारी को लेकर सावधानी बरतें। स्कुल शुरू शुरू करने से पहले, जांच लें कि क्या कोई छात्र फ्लू के लक्षणों से पीड़ित है। लक्षणों में सर्दी के साथ कम बुखार, शरीर में दर्द के साथ गले में खराश, सिर दर्द, उल्टी और दस्त शामिल हैं। यदि ऐसा कोई छात्र मिलता है तो उसे स्कूल के चिकित्सा विभाग में भेजकर सात दिन घर पर रहने और सार्वजनिक संपर्क से बचने की सलाह दी गई है।