metro Carshed

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मुंबई: मुंबई एमएमआर (Mumbai-MMR) में चल रहे विभिन्न मेट्रो परियोजनाओं (Metro Projects) के लिए समय पर कारशेड (Carshed) का निर्माण कार्य न होने से उनके खर्च में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है। उल्लेखनीय है कि मेट्रो-3 (Metro-3) सहित कई लाइनों का काम तो शुरू हो गया, परंतु कारशेड को लेकर उठे विवाद से प्रोजेक्ट पर असर हुआ है। ठाणे-भिवंडी और कल्याण के बीच मेट्रो लाइन-5 (Metro-5) के लिए कशेली में डिपो का निर्माण करने का निर्णय लिया गया है।

मेट्रो-5 का निर्माण तेजी से हो रहा है। इसके कारशेड के लिए एमएमआरडीए ने निविदा जारी की है। डिपो के निर्माण पर लगभग 472 करोड़ रुपए से अनुमानित लागत की निविदा जारी हुई, परंतु इसके निर्माण के लिए लगभग 125 करोड़ रुपए से ज्यादा की मांग की गई। इस तरह कशेली में कारशेड के लिए 26.59 प्रतिशत अधिक 597.56 करोड़ रुपए का प्रस्ताव इच्छुक कंपनी ने दिया है। अब एमएमआरडीए निविदा प्रस्ताव को अंतिम रूप देने के लिए कंपनियों से बातचीत करेगा। हो सकता है कि कोई बीच से काई रास्ता निकले।

अन्य मेट्रो डिपो की समस्या

एमएमआरडीए द्वारा वडाला से ठाणे कासारवडवली-गायमुख के बीच हो रहे मेट्रो लाइन 4 एवं 4 ए के काम को लेकर बीच में कई समस्याएं आईं। एमएमआरडीए को ठेकेदार भी बदलने पड़े। अब इसका डेपो मोघरपाड़ा में बनाने पर सहमति बन गई है। इसी तरह मेट्रो-9 के लिए भायंदर के पास राई, मोरवे और मुर्धा  गांव में कारशेड का विरोध होने से अब उत्तन में डिपो बनाए जाने पर निर्णय लिया जाने वाला है।

परियोजना में हो रही लगातार देरी

गौरतलब है कि कई मेट्रो लाइन को साल 2023-2024 तक शुरू करने का लक्ष्य था, लेकिन इन डिपो का काम करने में देरी होने से प्रोजेक्ट में और देरी के साथ कास्ट में भी बढ़ोतरी हो रही है। काफी विवाद के बाद पहली भूमिगत मेट्रो-3 के डिपो का आखिरकार आरे में निर्माण हो रहा है। मामला कोर्ट में होने की वजह से इसका भी निर्माण खर्च बढ़ा है। राज्य सरकार ने स्वयं दावा किया है कि आरे कारशेड विवाद के कारण रोजाना 4 करोड़ का नुकसान हुआ है। जमीन अधिग्रहण न हो पाने की वजह से मेट्रो डिपो के निर्माण लटके हैं।

लगातार बढ़ती जा रही है लागत

एमएमआरडीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जिस गति से मेट्रो के काम हो रहे हैं, उसी तरह जरुरी कारशेड का काम भी समय पर शुरू हो जाना चाहिए था, लेकिन कई कारणों की वजह  से निर्माण लागत भी बढ़ की रही है। कुलाबा-बांद्रा-सिप्ज़ मेट्रो-3, का काम अपने अंतिम चरण में है। मेंट्रो-4 और 5 का भी लगभग 55 प्रतिशत काम हो गया है। दहिसर से मीरा-भायंदर मेट्रो-9 का काम तेजी से हो रहा है, जबकि अब तक इन मेट्रो के कारशेड निर्माण की शुरुआत ही नहीं हो पाई है। मंडाले में मेट्रो-2 बी का कारशेड निर्माण शुरू हुआ है।