अंबरनाथ : कल्याण रेलवे स्टेशन (Kalyan Railway Station) से लगभग 13 किलोमीटर दूर और अंबरनाथ पंचायत समिति (Ambernath Panchayat Samiti) के अंतर्गत आने वाले हाजी मलंग दरगाह (Haji Malang Dargah) पर जाने के लिए वाड़ी से पहाड़ के बीच बन रही फ्यूनिकुलर ट्रॉली (Funicular Trolley) का काम मई तक पूरा किए जाने की संभावना है। ट्रॉली शुरू होने से श्रद्धालु आसानी से दरगाह पर जियारत के लिए पहुंच सकते है। वर्तमान में पहाड़ पर पैदल ही चढ़ना पड़ता है जो बेहद कठिन अनुभव होता है।
फ्यूनिकुलर का निर्माण कार्य 2013 में शुरू हुआ था, शुरू में निर्माण कार्य तेज गति से चला बाद में निधी और तकनीकी कारणों के चलते बंद रहा। क्षेत्रीय सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे ने बंद कार्य को शुरू कराने की पहल की और सांसद शिंदे उसमें सफल भी रहे। सांसद ने फ्यूनिकुलर के अलावा फ्यूनिकुलर प्लेटफॉर्म की पक्की सड़क, पहाड़ पर जाने के लिए सीढ़ियों के निर्माण कार्य का भूमिपूजन कराया। तकरीबन 34 करोड़ की योजना भी सांसद शिंदे ने मंजूर करवाने सफल रहे है। डॉ. शिंदे की कोशिश है कि 1 मई तक फ्यूनिकुलर शुरू हो।
परियोजना का उद्देश्य पहाड़ परिसर को एक पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करना था। पिछले चार वर्षों में लागत 10.42 करोड़ रुपए से बढ़कर 93 करोड़ रुपए से ऊपर पहुंच गयी है। जानकारी के अनुसार ट्रॉली का काम लगभग 90 फीसदी पूरा हो गया है। 1.2 किमी खंड में से केवल 100 मीटर का काम लंबित है। पीडब्लूडी विभाग द्वारा बीओटी पद्धति पर 24 वर्षों के लिए सुप्रीम इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी को यह काम दिया गया है।
हाजी मलंग बाबा की दरगाह पर हिंदू वादी संगठन अपना दावा करते है, इनका कहना है कि यह बाबा मछिन्द्रनाथ की समाधी है। मामला अदालत में विचाराधीन है। 5 फरवरी को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और शिंदे गुट के हजारों शिवसैनिक पहाड़ पर एकत्रित हुए और समाधी पर जाकर हिंदू रीति रिवाज से पूजा अर्चना की।
तत्कालीन विधायक किसन कथोरे ने ऊक्त प्रकल्प को शुरू करवाया था और इस काम को पूरा करने के लिए कल्याण संसदीय क्षेत्र के सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे प्रयासरत है, मुझे उम्मीद है की सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे साहब फ्यूनिकुलर का काम जल्द पूरा करवा देंगे, हाजी मलंग बाबा की मजार पर हर जाति धर्म के हजारों लोग प्रतिदिन आते है। फ्यूनिकुलर शुरू होने पर वृद्ध व्यक्ति भी पहाड़ पर जा सकेंगे। सांसद शिंदे से आग्रह है कि 1 मई अर्थात महाराष्ट्र दिन के उपलक्ष्य में फ्यूनिकुलर लोगों की सेवा के लिए शुरू की जाए।
- गुरुवर्या, अब्दुल बाबा।