Navi Mumbai Parking Problem

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नवी मुंबई: सुनियोजित शहर के नाम से विकसित किया गया शहर नई मुंबई (Navi Mumbai) में इन दिनों वाहन पार्किंग (Vehicle Parking) की समस्या (Problem) दिन प्रति दिन गंभीर होती जा रही हैं। वाहन पार्किंग की समस्या को लेकर ना तो प्रशासन के पास कोई प्लान है और ना ही नई मुंबई महानगरपालिका (New Mumbai Municipal Corporation) वाहन पार्किंग को लेकर कोई सुनियोजित प्लान बनाने पर काम कर रही है, जिसकी वजह से नवी मुंबई के लोगों को अपने वाहन पार्क करने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस बात को लेकर नई मुंबई के नागरिकों में नाराजगी भी व्यक्त की जा रही हैं।

गौरतलब है कि नवी मुंबई को सिडको ने नोड्स के हिसाब से विकसित किया है वाशी, नेरुल, सीबीडी, बेलापुर, खारघर कामोठे, न्यू पनवेल जैसे नोड्स विकसित किए गए हैं पर सिडको ने कई तरह की सुविधाएं देने की बात कही थी, लेकिन सिडको वाहन पार्किंग की सुविधा देने में पूरी तरीके से विफल हो गया। 

वाशी में सड़कों पर पार्क कर रहे वाहन

सिडको द्वारा विकसित किया गया सबसे पहला नोड वाशी है। वाशी में पिछले कई सालों से जिस तरीके से रहने वाले लोगों की जनसंख्या में इजाफा हुआ है। उसी तरह वाहनों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। वाहन पार्किंग की पर्याप्त जगह ना होने की वजह से लोगों को सड़क के किनारे अपने वाहन पार्क करने पड़ते हैं। दिन के समय भीड़भाड़ वाले इलाके में पार्क किए गए वाहनों पर यातायात विभाग द्वारा कार्यवाही भी की जाती है, किंतु इसके बावजूद लोग अपने वाहनों को नो पार्किंग एरिया में खड़े करने के लिए बाध्य हैं क्योंकि पार्किंग के लिए पर्याप्त जगह नहीं हैं। 

महानगरपालिका जल्द करेगी बैठक

हालांकि वाहनों की पार्किंग समस्या को लेकर नवी मुंबई महानगरपालिका कमिश्नर का कहना है कि नवी मुंबई महानगरपालिका वाहनों का डाटा जुटाने का काम शीघ्र करेगी। इसके आलावा यह समस्या कैसे दूर की जा सकती है इस पर ठोस उपाय करने की तैयारी कर रही हैं। पार्किंग मैनेजमेंट पर महानगरपालिका जल्द ही काम शुरू कर देगी। इस बारे में अधिकारीयों के साथ जल्द ही एक बैठक बुलाई जाएगी। 

 वाहनों की पार्किंग को लेकर लोगों में हो रहा विवाद

नवी मुंबई के रेलवे स्टेशनों को बनाने से पहले सिडको प्रशासन ने पार्किंग की पर्याप्त जगह रखी थी, किंतु जब सिडको ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत नवी मुंबई में घर बनाने का निर्णय लिया तो उसके पास पर्याप्त भूखंड ना होने की वजह से सिडको अधिकारियों ने वाहनों के लिए आरक्षित भूखंडों पर इमारतें बनाने का निर्णय लिया। उसी निर्णय के कारण सानपाडा, नेरुल, जुईनगर, कामोठे, खानदेशवर, कोपरखैरने, एरोली रेलवे स्टेशनों के बाहर पार्किंग के लिए आरक्षित भूखंडों पर इमारतें बनाने का कार्य शुरू कर दिया गया। इसकी वजह से वहां पर वाहन पार्किंग की समस्या खड़ी हो गई। लोगों को मजबूरी में सड़क के किनारे अपने वाहनों को राम भरोसे छोड़ कर जाना पड़ता है। इसकी वजह से वाहनों की चोरियों में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वाहनों की पार्किंग को लेकर आए दिन लोगों में विवाद और झगड़े भी होते रहते हैं। सिडको प्रशासन ने जिस समय इन भूखंडों पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत इमारतें बनाने का निर्णय लिया था उस समय स्थानीय लोगों ने विरोध भी किया था, लेकिन नागरिकों के इस विरोध का सिडको प्रशासन पर कोई असर नहीं हुआ। पार्किंग की जगह पर इमारतें बनाए जाने का विरोध किसी भी राजनीतिक दल द्वारा नहीं किया गया था इसलिए सिडको प्रशासन ने अपने मनमाने तरीके से निर्णय लेकर इमारतों का निर्माण कार्य शुरू कर दिया।

एक बड़ी समस्या बन जाएगी वाहन पार्किंग 

नवी मुंबई महानगरपालिका क्षेत्र के साथ साथ पनवेल महानगरपालिका में आने वाले कामोठे, पनवेल, खारघर रेलवे स्टेशनों के बाहर वाहन पार्किंग की बड़ी समस्या है। इस बारे में पनवेल महानगरपालिका ने भी अभी तक उदासीन रैवेया अपनाया हुआ है। कामोठे में रहने वाले सत्येंद्र सिंह का कहना है कि कामोठे रेलवे स्टेशन से लेकर सायन-पनवेल तक के रास्ते में वाहन पार्किंग की समस्या है। इस तरफ महानगरपालिका प्रशासन को ध्यान देने की जरुरत है यदि समय रहते कोई उपाय योजना नहीं की गयी तो आने वाले दिनों में यहां के लोगों को वाहन पार्किंग एक बड़ी समस्या बन जाएगी।