वर्धा. दीपावली के पांच दिनों के अवकाश के बाद गुरुवार से सरकारी कामकाज पूर्ववत शुरू हुआ़ परंतु कामकाज के दिन जिलाधिकारी सहित तहसील कार्यालय में 90 प्रतिशत अधिकारी और कर्मचारी 16 नवंबर को दफ्तरों में नदारद दिखाई दिये. परिणामवश अपने कामकाज के सिलसिले में आने वाले लोग खाली कुर्सियों को देखकर निराश होकर वापस लौट रहे थे.
बता दें कि दीपावली का तोहार होने से सरकारी कर्मियों को अवकाश दिये गए थे. इसमें जिलाधिकारी की ओर से घोषित अवकाश का भी समावेश था. जिले में 11 से 16 नवंबर ऐसे पांच दिन अवकाश था. छुट्टियां होने से वरिष्ठ अधिकारी से लेकर निचले कर्मियों को काफी आराम मिला. बाहरी जिलों से वर्धा में कार्यरत अधिकारी और कर्मचारी पांच दिन के ऊपर कुछ अतिरिक्त छुट्टियां लेकर अपने गांवों में चले गये.
दिनभर नहीं हो पाए नागरिकों के कामकाज
अब पांच दिन के सरकारी अवकाश खत्म होने से गुरुवार से सभी दफ्तरों का कामकाज पूर्ववत शुरू हुआ़ फलस्वरुप पिछले कुछ दिनों से प्रलंबित कामों को लेकर शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के नागरिक जिलाधिकारी, तहसील सहित अन्य दफ्तरों में पहुंच रहे थे़ परंतु दफ्तर में प्रवेश करने पर उन्हें खाली कुर्सियों के दर्शन हो रहे थे़ उपस्थित सिपाही से पूछने पर बताया जा रहा था कि सभी अधिकारी व कर्मचारी अवकाश पर है. यहीं स्थिति अन्य दफ्तरों में देखने मिल रही थी. गुरुवार को दिनभर जिलाधिकारी से लेकर अपर जिलाधिकारी, निवासी उपजिलाधिकारी, उपविभागीय अधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार सहित विविध विभागों के प्रमुख अधिकारी तथा अधिकांश कर्मचारी दफ्तरों से नदारद थे.
जिप, पंस सहित अनेक कार्यालय रहे वीरान
खाली कुर्सियां देखकर नागरिक निराश होकर वापस लौट रहे थे. पांच दिनों के अवकाश के बावजूद भी इतने लंबे समय तक अधिकारी, कर्मचारी छुट्टियों पर चले जाने से सभी विभागों का कामकाज प्रभावित हो गया है. परिणामवश यहां आने वाले नागरिक भी असंतोष जताते नजर आये़ दिनभर जिलाधिकारी कार्यालय में सन्नाटा छाया हुआ था. ऐसी ही कुछ स्थिति जिला परिषद, पंचायत समिति, प्रशासकीय इमारत के दफ्तरों में दिखाई दी़ अनेक विभागों में वरिष्ठ अधिकारी तथा कर्मचारी अनुपस्थित दिखाई दिये.