Aasha Workers Protest in Wardha

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वर्धा. जिला परिषद के सामने आयटक के नेतृत्व में गुटप्रवर्तक व आशा कर्मियों का दूसरे दिन भी ठिया आंदोलन जारी रहा़  इस दौरान जब तक मांगें पूर्ण नहीं होती, तक तक काम बंद आंदोलन जारी रखने की भूमिका महिला कर्मियों ने तय की है. राज्य सचिव दिलीप उटाणे व सीटू के भैय्या देशकर के मार्गदर्शन में संजय भगत, जोशना राऊत, शराबा शेख, अर्चना घुगरे, मीनाक्षी गायकवाड, सुजाता भगत के नेतृत्व में आंदोलन किया जा रहा है.

गुट प्रवर्तकों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दें, तब तक गुट प्रवर्तकों को ठेका पद्धति से कर्मचारी का दर्जा दें व सामाजिक सुरक्षा लागू करें. न्यूनतम वेतन, आशा को ऑनलाइन कार्य की सख्ती न करें. दिवाली में भाईदूज लागू करने सहित आदि मांगों के लिए राज्यव्यापी हड़ताल आयटक के नेतृत्व में गुटप्रवर्तक व आशा कर्मचारी कर रहे है. आंदोलनकारियों के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्याधिकारी, जिला स्वास्थ्य अधिकारी के मार्फत मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री को निवेदन भेजा. इसमें विभिन्न मांगों का जिक्र करते हुए अपनी समस्याएं रखी है.

अन्यथा तीव्र आंदोलन करने की दी चेतावनी 

अगर मांगें पूर्ण नहीं की गई तो आंदोलन अधिक तीव्र किए जाने की चेतावनी दी गई है. आंदोलन में शबाना शेख,  विशाखा गणवीर, अरुणा खैरकर, शितल लभाने, अश्विनी महाकालकर, जयश्री देशमुख, सोनम वानखेड़े, सविता वाघ, ज्योत्स्ना कलसकर, मंदा नाकले, छाया सातपुते, सुमन चांदणे, स्मिता वरखडे, गीता दुधखोर, मनीषा धुर्वे, संगीता पोथारे, भाग्यश्री उरकुडे, सिंधू खड़से अर्चना मोरे, लता पायलकर, ममता खासरे,  उर्मिला वाटकर, उज्ज्वला मून, अलका शंभरकर, रंजना लोहकरे, सविता ढोले, वंदना पोकले, माधुरी मते, अरुणा कसार, अलका जराते, वैशाली टिपले ने मार्गदर्शन किया.