वर्धा. गर्भपात प्रकरण के बाद डा़ नीरज कदम के मकान से हिरन की खाल बरामद हुई थी़ प्रकरण में वन विभाग ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी़ किन्तु केंद्र सरकार की अधिसूचना के अनुसार डा़ कदम की ओर से उपरोक्त खाल उनके यहां होने के संबंध में एक पत्र वन विभाग के पास 2004 को ही देने की बात सामने आयी है़ इसकी प्रति वन विभाग को मिलने से उन्होंने आगे की जांच शुरू कर दी है.
ज्ञात हो कि 9 जनवरी को 13 वर्षीय बालिका के गर्भपात का मामला प्रकाश में आया था़ इसके बाद चली जांच पड़ताल के दौरान कदम अस्पताल व निवास से रहस्यमय बाते सामने आने लगी़ 15 जनवरी 2022 को कदम के निवास से हिरन की खाल बरामद हुई थी़ सूचना मिलते ही आर्वी के वनपरिक्षेत्र अधिकारी एनएस जाधव दलबल के साथ मौके पर पहुंचे थे. उन्होंने हिरन की खाल कब्जे में लेकर कदम के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया़ किन्तु तब से लेकर अब तक वन विभाग पूछताछ के लिए डा़ कदम को कब्जे में नहीं ले पाया है.
विभाग ने जांच प्रक्रिया कर दी शुरू
इस बीच अहम जानकारी सामने आयी है़ इससे कदम परिवार को थोड़ी राहत जरूर मिली है़कानून के अनुसार किसी भी वन्यजीव की खाल, नाखून अथवा शरीर का कोई भी अंग घर में रखना जुर्म है़ किन्तु 2004 को केंद्र सरकार की एक अधिसूचना आयी थी़ इसमें जिन लोगों के यहां किसी भी प्रकार की वन्यजीव की खाल अथवा नाखून हैं, वे इसकी सूचना तुरंत वन विभाग को दें. उपरोक्त अधिसूचना के अनुसार कदम परिवार की ओर से वन विभाग को एक पत्र देकर हिरन की खाल के संबंध में जानकारी दी गई थी़ इसकी प्रति वन विभाग को प्राप्त होने से विभाग ने आगे की जांच शुरू कर दी है.
वन विभाग को मिली पत्र की कापी
कदम परिवार की ओर से 2004 की अधिसूचना के अनुसार हिरन की खाल उनके मकान में होने से संबंधित जानकारी वन विभाग को दी गई थी़ इसकी प्रति वन विभाग को प्राप्त हुई है़ इस संबंध में हम आगे की जांच कर रहे है़ जरूरत पड़ने पर कदम परिवार से पूछताछ की जाएगी.
-एनएस जाधव, वनपरिक्षेत्र अधिकारी-आर्वी.