प्रतीकात्मक तस्वीर
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    वर्धा. पिछले कुछ दिनों से शहर व आस-पड़ोस के कुछ गांवों में मिट्टी मिश्रित जलापूर्ति होने से नागरिक त्रस्त हो गए है़ं  इस दूषित जल का असर जनस्वास्थ्य पर हो रहा है़  इस ओर मजिप्रा व नप प्रशासन ने गंभीरता से ध्यान देने की मांग नागरिक कर रहे है़.

    बता दें कि, विगत डेढ़ दो माह से शहर व आसपास के 13 गांवों में जलजन्य बीमारियां बढ़ गई है़ परिसर के मरीज अस्पतालों में भीड़ कर रहे है. 

    डेंगू का खतरा कायम

    डेंगू ने सर्वत्र हाहाकार मचा रखा है़ ऐसे में जलजन्य बीमारी भी बड़े पैमाने पर पैर पसार रही है़ं इन दिनों में निरंतर बारिश होने के कारण नदी, नालों में बाढ़ आ गई है़ जलाशय भी लबालब भर गए है़ धाम प्रकल्प से शहर व आसपास के गांवों को जलापूर्ति की जाती है़ नप का पवनार व आईटीआई टेकडी परिसर में जलशुध्दीकरण केंद्र है़ वहीं मजिप्रा का जलशुध्दीकरण केंद्र हनुमान टेकडी परिसर में है़ परंतु पिछले कुछ दिनों से नल का पानी मिट्टीमिश्रित आने से नागरिक परेशान है़ उक्त पानी के सेवन से जनस्वास्थ्य खतरें में आ गया है. 

    गैस्ट्रो, उल्टी, पेटदर्द की शिकायत

    छोटे बच्चे व बुजुर्गों में पेटदर्द, गैस्ट्रो, उलटी, जुलाब सहित अन्य जलजन्य बीमारियों के शिकार हो रहे है़ं मजिप्रा व नप प्रशासन शुध्द जलापूर्ति का दावा करते है़ं परंतु दूषित जलापूर्ति की ओर उनकी अनदेखी हो रही है़ इससे नागरिकों में असंतोष पनप रहा है़ शुध्द जलापूर्ति करें, ऐसी मांग हो रही है.