
वर्धा. इन दिनों तापमान काफी बढ़ गया है़ फिर भी इस कड़ी धूप में भी महावितरण कंपनी के कर्मचारी डटे हुए दिखाई देते है़ अभी भी आधुनिक सुविधाओं के अभाव में अपनी जान जोखिम पर डालकर कर्मचारी इलेक्ट्रिक पोल पर चढ़कर जरूरी सुधार कार्य करते दिखाई देते है. तपती धूप में इलेक्ट्रिक पोल पर चढ़ना काफी मुश्किल काम है़ धूलिवंदन के दिन एक ओर सभी लोग छुट्टी का आनंद ले रहे थे़ तब महावितरण के कर्मचारी शहर के विभिन्न हिस्सों में जाकर इलेक्ट्रिक सेवा सुचारू करने में लगे हुए थे़ रोटी, कपड़ा, मकान के साथ ही बिजली को भी अधिक महत्व प्राप्त है.
विभिन्न कठिनाईयों में बारिश, धूप में अपनी सेवा देते है़ धूलिवंदन के दिन शहर के मालगुजारीपुरा परिसर की विद्युत सेवा कुछ देर के लिए खंडित हो गई थी़ इलेक्ट्रिक पोल पर खराबी आने से नागरिकों के घरों की बिजली सेवा ठप हो गई थी़ इसकी शिकायत करने के बावजूद तुरंत महावितरण के कर्मचारी घटनास्थल पर दाखिल हुए़ चिलचिलाती धूप में इलेक्ट्रिल पोल पर चढ़कर मरम्मत कार्य की शुरूआत की़ आधे घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बिजली सेवा सुचारू हुई.
अनेक कर्मचारी अस्थायी
महावितरण में इलेक्ट्रिक पोल से जुड़ी समस्या दूर करने आज भी अनेक कर्मचारी अस्थायी है़ जान पर बाजी लगाकर काम करने के बावजूद भी यह कर्मचारी काफी कम वेतन में अपनी सेवा दे रहे है़ ठेकेदार के अंतर्गत कार्यरत अधिकतर कर्मचारियों का तो बीमा भी नहीं रहता़ कभी अनहोनी घटने पर उनके परिवार पर संकट निर्माण हो जाता है.
ग्रामीण विभाग में समस्या गंभीर
ग्रामीण विभाग में तो बिजली सुचारू रखने की जिम्मेदारी निभा रहे, इन कर्मचारियों की समस्या काफी गंभीर बनी हुई है़ यहां अधिकतर कर्मचारी ठेका पद्धति पर ही नियुक्त रहते है़ उन्हें वेतन के सिवाय और किसी भी प्रकार की सुविधा नहीं है़ कई कर्मचारियों के पास तो हैंडग्लोव्ज व अन्य सुरक्षा उपकरण तक नहीं रहते.
आधुनिक तकनीक की जरूरत
महावितरण के कर्मचारियों को कड़ी धूप, बारिश में इलेक्ट्रिक पोल पर चढ़ना पड़ता है़ बड़े शहरों में महावितरण के पास अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग होता है़ इसके तहत उन्हें उपलब्ध वाहनों में सुरक्षा सामग्री के साथ ही पोल पर चढ़ने के लिए सीढ़ी भी रहती है़ परिणामस्वरूप कार्य आसान हो जाता है़ लेकिन शहर में अभी भी ज्यादातर इलेक्ट्रिक खंभों पर खराबी आने पर पारंपारिक पद्धति से ही कर्मचारी मरम्मत कार्य को अंजाम देते है़ जोखिम से भरा होने से अब अत्याधुनिक तकनीक को अपनाने की वितरण विभाग को जरूरत है.