40 परिवारों पर बाढ़ का संकट, ग्रामीणों ने दी कलेक्ट्रेट पर दस्तक

    Loading

    वर्धा. आर्वी तहसील के कुर्हा लघु तालाब प्रकल्प की सुरक्षा दीवार जर्जर हो गई है़ इसकी स्थायी मरम्मत की ओर प्रशासन अनदेखी कर रहा है़ उक्त तालाब के किनारे ही बार्हा सोनेगांव बस्ती है़ जहां करिब 40 परिवारों पर बाढ़ का संकट मंडरा रहा है़ इस बार भारी वर्षा से तालाब लबालब भर गया है़ ऐसे में सभी परिवारों को सुरक्षित स्थल पर रखा गया है़ उनके स्थायी पुनर्वास की मांग को लेकर ग्रामीणों ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट पर दस्तक दी़  बार्हा सोनेगांव में 40 परिवार हैं, उनकी संख्या 164 है.

    प्रति वर्ष बारिश के मौसम में इन लोगों को ग्रामपंचायत रसूलाबाद में रखा जाता है़ 1994 से कुर्हा तालाब के बाढ़ का संकट इन परिवार पर है़ 2019 में प्रकल्प की सुरक्षा दीवार को दरारें गिरी थी़  उस समय प्रशासन हड़बड़ा कर जागा था़ वरिष्ठ अधिकारियों ने भेंट देकर निरीक्षण भी किया़  जलसंपदा विभाग के अधीक्षक अभियंता ने काम के निर्देश भी दिए़ परंतु इसके बाद उपाय योजना ठंडे बस्ते में पड़ गई. 

    कुर्हा तालाब की सुरक्षा दीवार हो गई जर्जर

    दो वर्ष बीतने के बाद जुलाई 2022 में पुन: जिले में भारी वर्षा हुई़  इससे तालाब ने खतरे की लाइन पार कर दी है़  फिर से प्रकल्प के सुरक्षा दीवार पर गहरी दरारें दिखाई देने लगी है़  तालाब की दुरुस्ती के लिए संबंधित विभाग को नवम्बर 2021 में कुछ निधि मंजूर हुआ है, परंतु काम नहीं किया गया़  क्षेत्र के विधायक दादाराव केचे ने गांव के पुनर्वास की मांग के लिए विधानसभा में प्रश्न भी उपस्थित किया था़ परंतु अब तक पुनर्वसन की मांग प्रलंबित है़  बार्हा सोनेगांव के नागरिक जान जोखिम में डालकर यहां निवासित है़  शुक्रवार को रसूलाबाद के सरपंच राजेश सावरकर के नेतृत्व में ग्रामीणों ने जिलाधिकारी कार्यालय में पहुंचकर डीएम से चर्चा की़  15 दिनों के भीतर ग्रामीणों के निवास की व्यवस्था नहीं की गई तो जिलाधिकारी कार्यालय समक्ष आंदोलन करने की चेतावनी दी गई. 

    SDO ने कलेक्टर को भेजा मांग का पत्र

    उल्लेखनीय हैं कि 18 जुलाई को आर्वी उपविभागीय अधिकारी ने जिलाधिकारी के नाम एक पत्र जारी किया़  इसमें कुर्हा लघु तालाब के दुरुस्ती का जिक्र किया गया़  साथ ही 17 जुलाई से करिब 39 परिवारों को नरेंद्र सावरकर इनके खेत स्थित मकान में रखा गया है़  18 जुलाई को तहसीलदार, जलसपंदा विभाग के कार्यकारी अभियंता के साथ पहुंचकर इन परिवारों सें भेंट की़  सभी परिवारों ने सावरकर के खेत से सटे सरकारी जमीन सर्वे नं.58 आराजी 4.79 हे़ आर. पर टीन के शेट लगाकर अस्थायी तौर पर निवास की व्यवस्था करने की मांग की है़  साथ ही सुरक्षा दीवार टूटकर बड़ी अनहोनी को टालने के लिए स्थायी रूप से गांव का पुनर्वसन करने की मांग करने का पत्र में कहा गया.