Irrigation, Wardha Dam

Loading

वर्धा. शहर से सटे 13 गावों की जलापूर्ति व सिंचाई के लिए महत्वपूर्ण महाकाली स्थित धाम बांध की उंचाई फिलहाल कागजातों पर बढ़ने की बात सामने आई है. सिंचाई विभाग के अधिकारी व ठेकेदार की लेटलतीफी  के चलते धाम बांध के  सिंचाई क्षेत्र  के वृद्धि पर ब्रेक लग गया है. शहर व परिसर की अमृतवाहिनी  कही जाने वाले धाम बांध का धाम नदी पर महाकाली गांव के पास  1985  में निर्माण किया गया. शहर की बढ़ती आबादी व तेज से शहर से सटे परिसर नागरिकीकरण होने के कारण पेयजल की मांग बढ़ती गई.

धाम बांध की उंचाई बढ़ाने के लिए तत्कालीन विधायक प्रमोद शेंडे, डा. शरद काले ने सरकार की ओर मांग की थी. जिसके बाद  1999  में धाम बांध की उंचाई बढ़ाने के संदर्भ में प्रस्ताव  सरकार की ओर भेजा गया. लेकिन अनेक वर्षों तक प्रस्ताव फाइल बंद ही रहा.  2018  में शहर व परिसर में जल किल्लत की समस्या भीषण रूप से निर्माण हुई थी. जिसके बाद बांध की उंचाई के संदर्भ में फिर मांग तेज हुई. तत्कालीन  पालकमंत्री  सुनील  केदार  ने इस संदर्भ में निरंतर सरकार की ओर प्रयास किया. परिणामवश बांध उंचाई की मंजूरी मिली. टेंडर प्रक्रिया  पूर्ण कर ठेकेदार को काम दिया गया. परंतु ठेकेदार ने समय पर काम शुरू नहीं करने के कारण अनेक समस्याएं निर्माण हुई है.

अधुरे कार्य का जलसंचय पर पड़ा प्रभाव

बारिश के दिनों में काम आरंभ होने तथा कछुआं गति से चलने के कारण अब तक कार्य पुर्ण नही हुआ है. बारीश दिनों में उंचाई बढाने के लिये पुराने गेट परिसर का हिस्सा तोड़े जाने के कारण इस वर्ष बांध में पर्याप्त जल संचय नहीं हो सका है. बांध की जलक्षमता  68  दलघमी है. परंतु तोड़े जाने के कारण बांध में इस वर्ष 58 दलघमी जलसंचय हुआ है. बांध के उंचाई का काम समय पर होता तो जलसंचय 68 दलघमी तक पहुंचता. जिससे सिंचाई क्षेत्र दो  हजार  हेक्टेयर की वृद्धि होती.

गोडबोले पैटर्न का चल रहा काम

महाकाली बांध प्रकल्प की उंचाई 1.9 मीटर से बढ़ाने का निर्णय लिया गया. इसके पूर्व रबर डैम पैटर्न पर उंचाई बढ़ाने का प्रावधान रखा गया था. किंतु इस पैटर्न पर अधिक राशि खर्च होने के कारण उसे रिजेक्ट किया गया. जिसके बाद गोडबोले पैटर्न पर उंचाई बढ़ाने का निर्णय लिया गया. यह काम एसएस फेब्रीकेशन नागपुर को दिया गया है. लेकिन कंपनी द्वारा कछुआ गति से काम किया जा रहा है.