Nurses Strike

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    वर्धा. ठेकेदारी स्वास्थ्य परिचारिकाओं को पद से कम करने सहित अन्य मांगों को लेकर जिला परिषद के समक्ष बेमियादी धरना आंदोलन किया जा रहा है़ मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं किया गया तो 15 नवम्बर को मंत्रालय के समक्ष आत्मदाह की चेतावनी दी गई़ बता दें कि, केंद्र व राज्य सरकार ने ठेकेदारी पर कार्यरत स्वास्थ्य सेविका के संदर्भ में गलत निर्णय लिया है.

    राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान के अंतर्गत महाराष्ट्र राज्य में 3 हजार 207 स्वास्थ्य सेविकाओं के पद मंजूर थे़ 2022-23 वर्ष के लिये केंद्र सरकार की ओर मंजूरी के लिये प्रस्ताव आयुक्त स्वास्थ्य अभियान स्वास्थ्य भवन मुंबई को भेजा गया था़ परंतु केंद्र सरकार ने 2610 पदों को मंजूरी दी़ जबकि 597 पदों को मंजूरी नहीं दी़ उक्त ठेकेदारी महिला कर्मियों के परिवार पर भुकमरी की नौबत आ गई है़ केंद्र सरकार का यह निर्णय अत्यंत अन्यायकाकर है.

    इस निर्णय के खिलाफ जिप के समक्ष महिला कर्मियों ने गुरुवार से जिप के समक्ष बेमियादी धरना आंदोलन शुरू कर दिया है़ आंदोलन अधिक तीव्र करने की चेतावनी दी गई है. आंदोलन में स्वास्थ्य सेविका व सहायिकाओं ने हिस्सा लिया है़ जिले में 22 ठेकेदारी स्वास्थ्य सेविकाओं की सेवा समाप्ति का निर्णय लिया गया़  नर्सेस यूनियन आयटक के नेतृत्व में यह आंदोलन शुरू किया गया है.

    15 को मंत्रालय के समक्ष प्रदर्शन

    15 वर्षों से सेवा देनेवाली परिचारिकाओं को अचानक 1 नवम्बर से कम करने से असंतोष पनप रहा है़  जब तक न्याय नहीं मिलता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा़  अन्यथा 15 नवम्बर को मंत्रालय के समक्ष आत्मदाह की चेतावनी दी गई़ डीएचओ डा़ रा़ ज. पराडकर के माध्यम से वरिष्ठों को भेजा गया़  आंदोलन में शुभांगी वानखेडे, स्वाति धोंगडे, प्रिया कांबले, जयश्री ढोले, वैशाली कांबले, सोनाली मेंढे, ज्योत्स्ना पाटील, सुकेशनी कांबले, सारिका मेंढे, शिल्पा मडावी, सुनीता ठाकरे, राधा आगलावे सहित अन्य शामिल हुई थी़.