वर्धा. भविष्य में आक्सीजन की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए जिले में पांच आक्सीजन प्लांट तैयार किये गए है़ं इनमें से जिला अस्पताल परिसर में निर्मित प्लांट की संभागीय आयुक्त प्राजक्ता लवंगारे-वर्मा ने गुरुवार को निरीक्षण कर जरूरी दिशानिर्देश दिए़ इस मौके पर जिलाधिकारी प्रेरणा देशभ्रतार, जिला शल्य चिकित्सक डा़ सचिन तडस मौजूद थे.
कोरोना की दूसरी लहर में मरीजों की संख्या काफी बढ़ी थी़ इससे आक्सीजन की कमी महसूस हुई. भविष्य में पुन: वही समस्या पैदा न हो, इसके लिए पर्याप्त मात्रा में आक्सीजन उपलब्ध होना जरूरी है़ इसलिए राज्य में विविध जगहों पर बड़ी क्षमता के आक्सीजन प्लांट तैयार किये जा रहे है़.
2 प्लांट जिला अस्पताल में
जिले में 5 प्लांट का निर्माण किया गया है़ जिला अस्पताल में दो प्लांट तैयार किये गए हैं, जिनमें से एक की आक्सीजन निर्माण क्षमता 1 हजार तथा दूसरे की क्षमता 500 लीटर प्रति मिनट बताई गई है. दोनों प्लांट का संभागीय आयुक्त ने निरीक्षण किया़ जिले के वर्धा सहित कारंजा व हिंगनघाट में प्रत्येकी 500 लीटर तथा आर्वी में 200 लीटर प्रति मिनट क्षमता के एक-एक प्लांट का निर्माण किया गया है़ सभी प्लांट मिलाकर जिले में 2700 प्रति लीटर आक्सीजन निर्मिति की सुविधा उपलब्ध हुई है.
800 आक्सीजन बेड तैयार
जिले में निर्मित आक्सीजन प्लांट में वर्धा व हिंगनघाट स्थित प्रधानमंत्री केयर तथा कारंजा व आर्वी स्थित प्लांट हिंदुस्तान पेट्रोलियम के सामाजिक दायित्व निधि से निर्माण किया गया है़ नए प्लांट से 350 आक्सीजन बेड निर्माण हो रहे है़ं कोरोना की पहली लहर के बाद बड़ी मात्रा में आक्सीजन बेड खड़े करने का काम हाथ में लिया गया़ फलस्वरूप जिले में 800 नए आक्सीजन बेड तैयार हुए है़.