कारंजा घाड़गे (सं). परिवार नियोजन आपरेशन के लिए आए मरीजों को 32 घंटे भूखे रखा गया़ इतना ही नहीं तो अस्पताल में बेड भी उपलब्ध नहीं थे़ इससे मजबूरी में उन्हें जमीन पर सोना पड़ा. इस ओर वैद्यकीय अधिकारी की पूर्णत: अनदेखी हुई़ रोष व्याप्त नागरिकों ने संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग जोर पकड़ रही है.
बेड के अभाव में जमीन पर सोने मजबूर
कारंजा घाड़गे स्थित ग्रामीण अस्पताल में परिवार नियोजन आपरेशन के लिए शिविर लिया गया, जिसमें 32 महिलाएं आपरेशन के लिए सहभागी हुई थी़ वह अस्पताल में सुबह 10 बजे पहुंची थी़ इतनी बड़ी संख्या में मिलाएं आपरेशन के लिए आने के बावजूद भी अस्पताल में अतिरिक्त बेड की व्यवस्था नहीं की गई़ इससे उन्हें मजबूरन जमीन पर ही सोना पड़ा. कोई भी कारण नहीं रहने के बावजूद उन्हें 32 घंटे तक भूखे रखा जाने से रोष व्यक्त किया जा रहा है.
स्वास्थ्य के लिए बढ़ गया खतरा
अस्पताल परिसर में नालियां रहने से हमेशा ही सांप निकलते रहते है़ं ऐसे में रात के समय बिजली चली गई थी़ बेड नहीं रहने से अंधेरे में ही महिलाओं को जमीन पर सोना पड़ा. परिणामवश महिलाओं की जान को खतरा निर्माण हो गया था़ साथ ही पीने के पानी की भी उचित व्यवस्था नहीं की गई थी.
आपरेशन स्थल समय पर नहीं पहुंचे डाक्टर
आपरेशन स्थल पर एनेस्थेशियन काफी देरी के बाद पहुंचे़ आर्वी से उन्हें आने के लिए देरी होने से मरीजों को इंतजार करना पड़ा. मरीजों को हो रही परेशानी के बारे में तहसील वैद्यकीय अधिकारी को जानकारी दी, किंतु उन्होंने ध्यान नहीं दिया़ अस्पताल में पंखों की व्यवस्था नहीं की गई़ पीने का पानी भी बाहर से लाना पड़ा. घर से लाए हुए टिफीन दूसरे दिन खाने पड़ने की शिकायत मरीजों के परिजनों ने की है.