वर्धा. गत पखवाड़े से एसटी कर्मियों की हड़ताल शुरू होने से यात्रियों के हाल-बेहाल हो रहे है़ं इसी बीच सरकार ने राज्यभर में कर्मचारियों के निलंबन की कार्रवाई आरंभ कर दी है़ गुरुवार को जिले में फिर तीन को सस्पेंड कर दिया गया है. गत तीन दिनों में कुल 53 कर्मचारियों पर निलंबन की कार्रवाई की गई है़ इससे आंदोलनकारियों में रोष व्याप्त है़ रापनि का राज्य सरकार में विलीनीकरण करें, इस मांग को लेकर एसटी के कर्मचारी आक्रामक हो गए है़.
परिणामवश जिले में गत पखवाड़े से एसटी के पहिए थमे है़ं इसका भारी खामियाजा रापनि को भुगतना पड़ रहा है़ काम पर नहीं लौटे, कार्रवाई शुरू अब तक रापनि का करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है़ जो कर्मचारी काम पर नहीं लौट रहे, उनके खिलाफ अब कार्रवाई की जा रही है़ दूसरी ओर यात्रियों को असुविधा न हो, इसलिए सरकार ने निजी वाहनों को यात्रियों के परिवहन के लिए अनुमति प्रदान की है.
परंतु यात्रियों की भीड़ अधिक बढ़ने से उन्हें काफी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है़ सरकार ने कर्मियों के खिलाफ उठाये कदम से असंतोष व्यक्त हो रहा है़ आंदोलन और तेज होने की आशंका आंदोलन अधिक तीव्र होने की आशंका है.
मंगलवार को एसटी के 40 कर्मी, मंगलवार को 10 व गुरुवार को 3 कर्मचारी निलंबित किये गए है़ं जिले में अब तक कुल 53 लोगों का निलंबन हुआ है़ गुरुवार को सस्पेंड किये गए कर्मियों में विभागीय कार्यालय 1, विभागीय वर्कशॉप 1 व वर्धा डिपो के 1 कर्मचारी का समावेश है़ अब एसटी कर्मियों की आगामी भूमिका क्या रहेगी, इस ओर सभी की नजरें है़.