Teachers Recruitment
File Photo

Loading

वर्धा. जिला परिषद के शिक्षकों को ट्रेझरी की लापरवाही का खामियाजा निरंतर भुगतना पड़ता है. वेतन के बिल मंजूर करने के लिये अधिक समय लगाने के कारण शिक्षकों का वेतन प्रतिमाह विलंब से होता है. ट्रेझरी की लेटलतीफी पर शिक्षकों में नाराजगी का माहौल बन हुआ है. वहीं महाराष्ट्र राज्य प्राथमिक शिक्षक समिती के राज्याध्यक्ष विजय कोंबे ने इस नीति का कडा विरोध कर आंदोलन करने की चेतावनी दी है.

प्रतिमाह 1 तारीख को शिक्षकों का वेतन करने के सरकार के निर्देश हैं. परंतु बीते अनेक वर्ष से जिप के प्राथमिक शिक्षकों के वेतन को विलंब हो रहा है. इस पृष्ठभूमि पर अनेक बार ज्ञापन व आंदोलन के माध्यम से सरकार का ध्यान खींचा गया. जिससे सरकार ने शालार्थ प्रणाली में बदलाव कर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के माध्यम से ई कुबेर प्रणाली तयार कर वेतन जल्द मिलने के लिये नीति बनाई थी.

जिप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रोहन घुगे ने जिप के संबंधित विभागों को सक्त निर्देश देकर निर्धारित समयावधि में कार्यवाही करने के आदेश दिये थे. ट्रेझरी कार्यालय की बिलों को मंजूरी होना आवश्यक होता है. परंतु उक्त कार्यालय मंजूरी के लिये काफी समय लेता है. परिणामवश शिक्षकों का वेतन समय पर नहीं हो पाता है.

फरवरी माह का वेतन देयक 7 मार्च को जिप ने ट्रेझरी की और भेजा. मात्र ट्रेझरी ने 15 मार्च तक देयक जिला परिषद की और भेजा नहीं. ट्रेझरी की नीति के चलते इस माह का भी वेतन विलंब से होने वाला है. वेतन देयक मंजुर करने में विलंब क्यों होता इसका जबाब कोई देने को तैयारी नहीं. इस लचर प्रणाली के संदर्भ में आंदोलन किया जायेगा, ऐसी चेतावनी महाराष्ट्र राज्य प्राथमिक शिक्षक समिति के जिलाध्यक्ष अजय बोबडे, जिला महसचिव श्रीकांत अहेरराव ने दी है.